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पाकिस्‍तान सरकार ने पर्ल हत्याकांड के मुख्य आरोपी आतंकी अहमद उमर सईद शेख को विश्राम गृह भेजा

पाकिस्तान में अमेरिकी पत्रकार डेनियल पर्ल के हत्या मामले में मुख्य आरोपी रहे अल कायदा आतंकी अहमद उमर सईद शेख को जेल परिसर में बने विश्राम गृह में भेज दिया गया है। आतंकियों को दी जा रही सहूलियतों से इमरान सरकार की पोल खुल गई है...

By Krishna Bihari SinghEdited By: Published: Sun, 07 Feb 2021 08:27 PM (IST)Updated: Sun, 07 Feb 2021 08:27 PM (IST)
पाकिस्‍तान सरकार ने पर्ल हत्याकांड के मुख्य आरोपी आतंकी अहमद उमर सईद शेख को विश्राम गृह भेजा
पर्ल हत्या मामले में मुख्य आरोपी आतंकी अहमद उमर सईद शेख को विश्राम गृह में भेज दिया गया है।

कराची, पीटीआइ। पाकिस्तान में अमेरिकी पत्रकार डेनियल पर्ल के हत्या मामले में मुख्य आरोपी रहे अल कायदा आतंकी अहमद उमर सईद शेख को जेल परिसर में बने विश्राम गृह में स्थानांतरित कर दिया गया है। शेख ब्रिटिश नागरिक है। पर्ल का 2002 में अपहरण कर हत्या कर दी गई थी। सुप्रीम कोर्ट की तीन सदस्यीय पीठ की ओर से जारी आदेश के बाद सरकार ने अधिसूचना जारी कर शेख को तन्हाई (मौत की सजा पाए कैदी की सेल) से विश्राम गृह में स्थानांतरित किया है।

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शेख को इंटरनेट की सुविधा नहीं

शेख को कराची सेंट्रल जेल के उन नवनिर्मित कमरों में स्थानांतरित किया गया है जिन्हें मुलाकात के लिए बनाया गया है। अधिसूचना के अनुसार शेख को इंटरनेट, टेलीफोन और बाहरी दुनिया से संपर्क की कोई सुविधा नहीं दी गई है। शीर्ष न्यायालय ने सिंध हाईकोर्ट के शेख को पर्ल के अपहरण और हत्या के मामले से बरी करने के आदेश को स्थगित करने की सरकार की अर्जी खारिज कर दी है। कहा है कि संघीय सरकार हाईकोर्ट के आदेश के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर करे। उस पर विचार किया जाएगा।

शेख को केवल सात साल कैद

अमेरिकी अखबार वॉल स्ट्रीट जर्नल के दक्षिण एशिया क्षेत्र के ब्यूरो प्रमुख डेनियल पर्ल (38) का 2002 में अपहरण करने के बाद गर्दन काटकर निर्ममता से हत्या कर दी गई थी। इस मामले में पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आइएसआइ से आतंकी संगठन अल कायदा से रिश्ते की कलई खुल गई थी। अप्रैल 2020 में सिंध हाईकोर्ट की दो सदस्यीय पीठ ने शेख की मौत की सजा रद कर दी थी। उसे महज सात साल कैद की सजा दी गई।

सुप्रीम कोर्ट ने भी रिहाई के दिए आदेश

पीठ ने शेख के तीन सहयोगियों की उम्रकैद की सजा भी रद कर दी थी। हाईकोर्ट ने ऐसा 18 साल पहले हुई घटना में दोषी पाए गए सजायाफ्ता मुलजिमों के लिए किया। इसके बाद सिंध प्रांत की सरकार और पर्ल के परिवार ने पाकिस्तान के सुप्रीम कोर्ट में हाईकोर्ट के आदेश को चुनौती दी। जनवरी में सुप्रीम कोर्ट ने शेख को राहत देने के खिलाफ दायर दोनों याचिकाओं को खारिज कर दिया और अल कायदा आतंकी की रिहाई का आदेश दे दिया।

पाकिस्‍तान को पड़ी फटकार

सुप्रीम कोर्ट के इस आदेश की पर्ल के परिवार ने निंदा की और इसे हास्यास्पद न्याय कहा। अमेरिकी सरकार ने भी पाकिस्तान सरकार से कहा कि वह पर्ल के हत्यारों के खिलाफ दंडात्मक कार्रवाई सुनिश्चित करे। इसके बाद सिंध सरकार ने एक बार फिर से शेख और उसके तीन सहयोगियों की रिहाई के खिलाफ याचिका दायर की। अमेरिका और संयुक्त राष्ट्र के दबाव के चलते पाकिस्तान के सुप्रीम कोर्ट ने 28 जनवरी को अपने पूर्व फैसले की समीक्षा का निर्णय लिया। लेकिन दो फरवरी को जारी एक अन्य आदेश में शेख को तन्हाई से हटाए जाने का आदेश दिया।


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