China Policy: चीन का साथ देने की इमरान को चुकानी पड़ेगी कीमत, वैश्विक मंच पर कठघरे में पाकिस्तान भी !
कोविड-19 के कारण दुनिया की आंखों को चुभने वाले चीन के कारण अब पाकिस्तान भी निशाने पर आ गया है और यहां की चीनी नीतियों की समीक्षा को लेकर सरकार पर दबाव बन रहा है।
इस्लामाबाद, एएनआइ। इस्लामाबाद, एजेंसी। चीन के साथ 'पहाड़ों से ऊंची, समंदर से गहरी' दोस्ती का दंभ भरने वाले पाकिस्तान को दुनिया की आर्थिक महाशक्तियों के गुस्से का शिकार होना प़़ड सकता है। पूर्वी लद्दाख में भारत के साथ टकराव पर आमादा चीन का समर्थन कर रहे पाकिस्तान पर अपनी नीति की समीक्षा करने का दबाव ब़़ढता जा रहा है।
सूत्रों के अनुसार, पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय ने प्रधानमंत्री इमरान खान को आगाह किया है कि कोरोना महामारी के दौरान चीन के रवैये और भारत सीमा पर उसकी दादागीरी को लेकर दुनिया की आर्थिक महाशक्तियां ड्रैगन को अलग--थलग करने पर तुली हुई हैं। ऐसे में चीन का सदाबहार दोस्त पाकिस्तान भी कोपभाजन बन सकता है। इसका पहला संकेत तब मिला, जब यूरोपीय यूनियन ने पीआइए की उ़़डानों पर छह महीने की रोक लगा दी थी।
पाकिस्तान ने यह भरोसा दिलाने की भरसक कोशिश की कि केवल दक्ष पेशेवर पायलटों को ही अंतरराष्ट्रीय उ़़डानों की इजाजत दी जाएगी, फिर भी यूरोपीय यूनियन ने अपना फैसला नहीं बदला। सूत्रों के मुताबिक, भारत के प्रति चीन की आक्रामक नीति से खफा यूरोपीय देश बीजिंग को कूटनीतिक स्तर पर अलग--थलग करने में जुटे हैं और इसकी चपेट में पाकिस्तान भी आ सकता है।
पाकिस्तान के बलूचिस्तान और गिलगिट बाल्टिस्तान क्षेत्र के लोगों में चीन को लेकर पहले से ही गुस्सा है। यह गुस्सा इस बात को लेकर है कि चीन--पाकिस्तान आर्थिक गलियारा के नाम पर ड्रैगन यहां के संसाधनों का दोहन तो कर रहा है, लेकिन स्थानीय लोगों की जगह चीन के सस्ते श्रमिकों को काम पर रखा जा रहा है। चीनी कंपनियां स्थानीय रीति--रिवाजों से अनजान हैं, इसलिए वे स्थानीय लोगों से दूर ही रहते हैं। इसलिए चीनी लोगों को इस इलाके के लोग संदेह की नजर से देखते हैं।
यहां लोगों में यह बात भी फैल रही है कि चीन ने भारत की काफी जमीन ह़़डप रखी है और वह पाकिस्तान के सीमावर्ती क्षेत्रों में भी यह कर सकता है। यहां के वाट्सएप ग्रुपों में ऐसी खबरें भी चल रही हैं कि चीन में उइगर मुसलमानों का किस तरह दमन किया जा रहा है।
पूर्वी लद्दाख में भारत-चीन हिंसक झड़प के मद्देनजर पाकिस्तान पर अब इस बात के लिए दबाव बढ़ रहा है कि वह अपनी चीन की नीतियों की समीक्षा करे या फिर वैश्विक मंच पर चीन के साथ आइसोलेशन व दुनिया की आलोचनाओं का सामना करने के लिए तैयार रहे। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, विदेश कार्यालय ने पाकिस्तान के प्रधानमंत्री कार्यालय को चेताया है कि चीन के साथ संबंधों में तुरंत सुधार की आवश्यकता है नहीं तो इसे दुनिया की प्रमुख आर्थिक शक्तियों के प्रकोप का सामना करना पड़ेगा जो चीन को भारत के खिलाफ संघर्ष के लिए अलग करने के लिए दृढ़ थे। दुनिया की ये ताकतें कोविड महामारी के कारण चीन को अलग-थलग करने के प्रयासों में जुटे हैं।