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पाकिस्तान सरकार ने इस्लामाबाद में मंदिर बनाने की दी इजाजत, इस्लामी कट्टरपंथियों के दबाव में रोक दिया निर्माण कार्य

पाकिस्तान सरकार ने सोमवार को इस्लामाबाद में मंदिर का निर्माण कार्य शुरू कराने की अनुमति दे दी। छह महीने पहले इस्लामी कट्टरपंथियों के दबाव में हिंदुओं के पूजा स्थल के निर्माण का काम रोक दिया गया था। इस्लामाबाद में कृष्ण मंदिर का निर्माण होना है।

By Arun Kumar SinghEdited By: Published: Mon, 21 Dec 2020 10:12 PM (IST)Updated: Mon, 21 Dec 2020 10:12 PM (IST)
इस्लामाबाद में मंदिर का निर्माण कार्य शुरू कराने की अनुमति

 लाहौर, प्रेट्र। पाकिस्तान सरकार ने सोमवार को इस्लामाबाद में मंदिर का निर्माण कार्य शुरू कराने की अनुमति दे दी। छह महीने पहले इस्लामी कट्टरपंथियों के दबाव में हिंदुओं के पूजा स्थल के निर्माण का काम रोक दिया गया था। इस्लामाबाद के एच-9 प्रशासनिक क्षेत्र में 20 हजार वर्ग फुट क्षेत्र में कृष्ण मंदिर का निर्माण होना है। इसमें श्मशान के साथ ही कई अन्य धार्मिक अनुष्ठान के लिए निर्माण कराए जाने हैं। कैपिटल डेवलपमेंट अथॉरिटी (सीडीए) ने सोमवार को लाहौर में अधिसूचना जारी कर श्मशान भूमि की चाहरदीवारी बनाने की अनुमति दे दी। 

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इस्लामी कट्टरपंथियों के दबाव में रोक दिया था हिंदुओं के पूजा स्थल का निर्माण कार्य

इसमें कहा गया है कि चारदीवारी की ऊंचाई सात फुट से अधिक नहीं होगी। चाहरदीवारी पक्की हो सकती है या तीन फुट तक पक्की नींव के बाद उस पर बाड़ लगाई जा सकती है। कुछ कट्टरपंथी मौलवियों ने सरकार को इस्लामाबाद में मंदिर निर्माण की अनुमति देने के खिलाफ चेताया था। इसके बाद ही सीडीए ने इस साल जुलाई में चाहरदीवारी के निर्माण कार्य पर रोक लगा दी थी। हालांकि, उसने इसकी वजह कुछ औपचारिकताओं के पूरा होने में देरी बताई थी।

पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ ने मंदिर निर्माण के लिए आवंटित किया था प्लाट

सरकार ने मौलवियों की परिषद काउंसिल ऑफ इस्लामिक आइडियोलॉजी (सीआइआइ) से मंदिर निर्माण के साथ ही इसके लिए 10 करोड़ रुपये अनुदान देने पर राय मांगी थी। सीआइआइ ने कहा था कि संविधान या शरिया कानून में इस्लामाबाद या देश के किसी भी क्षेत्र में मंदिर निर्माण पर कोई रोक नहीं है। सीआइआइ के 14 सदस्यों के हस्ताक्षर वाले फैसले में यह भी कहा था कि देश में रहने वाले अन्य धर्म के लोगों की तरह हिंदुओं को भी अपनी आस्था के मुताबिक अंतिम संस्कार करने का संवैधानिक अधिकार है। 

पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ ने मंदिर निर्माण के लिए जमीन आवंटित की थी। इसके बाद सीडीए ने 2017 में हिंदू पंचायत को इस्लामाबाद में उक्त जमीन दी थी। पाकिस्तान में हिंदू सबसे बड़ा अल्पसंख्यक समुदाय है। इनकी अनुमानित आबादी 75 लाख है। हालांकि, हिंदुओं के मुताबिक उनकी आबादी 90 लाख से अधिक है। ज्यादातर हिंदू सिंध प्रांत में रहते हैं।


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