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पाकिस्तान में सरकारी एजेंसियां कर रहीं मानवाधिकारों का उल्लंघन, सीनेट उपाध्यक्ष करेंगे अंतरराष्ट्रीय संगठनों से संपर्क

पाकिस्तान में अब सरकारी एजेंसियां मानवाधिकारों का उल्लंघन करने के मामले में सभी सीमाएं लांघ रही हैं। इनका शिकार केवल आम जनता ही नहीं बल्कि राजनीतिक दलों के नेता और विपक्षी सांसद व विधायक भी बन रहे हैं।

By TaniskEdited By: Published: Sun, 17 Jan 2021 02:30 PM (IST)Updated: Sun, 17 Jan 2021 02:30 PM (IST)
पाकिस्तान में सरकारी एजेंसियां कर रहीं मानवाधिकारों का उल्लंघन, सीनेट उपाध्यक्ष करेंगे अंतरराष्ट्रीय संगठनों से संपर्क
नेशनल अकाउंटेबिलिटी ब्यूरो। (फोटो - एएनआइ )

इस्लामाबाद, एएनआइ। पाकिस्तान में अब सरकारी एजेंसियां मानवाधिकारों का उल्लंघन करने के मामले में सभी सीमाएं लांघ रही हैं। इनका शिकार आम जनता ही नहीं, राजनीतिक दलों के नेता और विपक्षी सांसद व विधायक भी बन रहे हैं। सीनेट (उच्च सदन) के उपाध्यक्ष सलीम मांडवीवाला ने कहा है कि वह राष्ट्रीय जवाबदेही ब्यूरो (एनएबी) के उत्पीड़न के संबंध में यूरोपियन यूनियन (ईयू) और अन्य अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार संगठनों से संपर्क करेंगे।

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उन्होने कहा है कि एनएबी अब मानवाधिकार उल्लंघन के मामले में ऐसी स्थिति में पहुंच गई है, जब अंतरराष्ट्रीय संस्थाओं को इसकी कारगुजारी से अवगत कराना जरूरी हो गया है। सीनेट के उपाध्यक्ष मांडवीवाला ने यह बात रिटायर्ड़ ब्रिगेडियर असद मुनीर की मौत के बाद परिजनों को ढाढ़स बंधाने के लिए पहुंचने के बाद कही।

मुनीर ने लंबे समय तक सेना और सरकार के साथ काम किया था। उनकी वर्तमान में एनएबी जांच कर रही थी। इसी में एक दिन उनका शव अपार्टमेंट में पंखे से लटका मिला। इस मामले में भी एनएबी को मानवाधिकारों उल्लंघन और उनका उत्पीड़न करने का दोषी ठहराया गया है।

सीनेट उपाध्यक्ष ने कहा कि मुनीर ने एनएबी के उत्पीड़न के कारण ही आत्महत्या की है। एनएबी की अवैध हिरासत में अब तक कई लोगों की मौत हो चुकी है। उन्होंने जेल के इंस्पेक्टर जनरल से जानकारी मांगी है कि एनएबी के कारण कितने लोग जेल में हैं। जल्द ही उच्च सदन में एक विधेयक लाया जाएगा, जिससे एनएबी की व्यापारियों से पूछताछ, गिरफ्तारी और मीडिया को जानकारी दिए जाने में मनमानी पर रोक लगाई जा सके।

गौरतलब है कि इससे पहले भी, मांडवीवाला ने एनएबी पर गंभीर मानवाधिकारों के उल्लंघन के आरोप लगाए थे। इसके अलावा उन्होंने इमरान खान की सरकार पर विरोधी आंदोलन को कमजोर करने के लिए एजेंसी का इस्तेमाल करने का भी आरोप लगाया था। एनएबी मांडवीवाला के खिलाफ भी एक मामले की जांच कर रहा है।


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