इस्लाम के नाम पर आतंकवाद को महिमामंडित कर रहा पाकिस्तान, कश्मीर घाटी में जिहादी विचारधारा को प्रोत्साहन
लेखक एवं राजनीतिक टिप्पणीकार आरिफ जमाल ने कहा है कि आतंकवाद और उग्रवाद के सहारे पाकिस्तान मानवाधिकार का उल्लंघन कर रहा है और इस्लाम के नाम पर इन दोनों का महिमामंडन कर रहा है। जमाल ने मानवाधिकार प्रहरी पोडकास्ट शो में यह टिप्पणी की।
इस्लामाबाद, एएनआइ। लेखक एवं राजनीतिक टिप्पणीकार आरिफ जमाल ने कहा है कि आतंकवाद और उग्रवाद के सहारे पाकिस्तान मानवाधिकार का उल्लंघन कर रहा है और इस्लाम के नाम पर इन दोनों का महिमामंडन कर रहा है। जमाल ने मुस्तफा अखवान और सेंगे सेरिंग की मेजबानी में 'मानवाधिकार प्रहरी' पोडकास्ट शो में यह टिप्पणी की। पाकिस्तान के पंजाब प्रांत से आने वाले जमाल एक पत्रकार एवं राजनीतिक टिप्पणीकार हैं और कई किताबें लिख चुके हैं।
लेखक पत्रकार आरिफ जमाल ने कहा, आतंकवाद और उग्रवाद से जुड़ा है मानवाधिकार का उल्लंघन
एक मेजबान द्वारा कश्मीर में घुसपैठ पर केंद्रित पाकिस्तान के रणनीतिक खेल से जुड़े सवाल का जवाब देते हुए जमाल ने कहा, 'मानवाधिकार का दमन उग्रवाद और आतंकवाद से जुड़ा है। अकसर इसे नजरअंदाज कर दिया जाता है, क्योंकि पाकिस्तान इस्लाम और इस्लाम की सेवा के नाम पर इनका महिमामंडन करने का प्रयास करता है।'जमाल ने उजागर किया कि पाकिस्तान में 'धार्मिक वायरस' तेजी से बढ़ा है। उन्होंने उल्लेख किया कि पाकिस्तानी मीडिया कश्मीर के लिए महत्वपूर्ण मुद्दों पर अपनी आंखें मूंद लेती है। उन्होंने कहा, 'मैंने महसूस किया है कि कोई भी पाकिस्तानी मीडिया इन विषयों पर चर्चा करना नहीं चाहती है और मेरे लेख को उस तरह से प्रकाशित नहीं कर सकती, जैसे मैं उन्हें प्रकाशित कराना चाहता हूं।'
जमाल ने आगे कहा कि इसी बात ने उन्हें शोध परक लेख लिखने और दूसरों के सामने पाकिस्तान के बारे में सच्चाई उजागर करने के लिए प्रेरित किया। उन्होंने कहा, 'मैंने महसूस किया कि मुझे इन विषयों पर गहन शोध करना चाहिए। मैंने अपने निष्कर्षो को प्रकाशित कराए जिसे वे (पाकिस्तानी मीडिया) इसे प्रकाशित कर सकते थे।'
उन्होंने कहा कि पाकिस्तान कश्मीर घाटी में जिहादी विचारधारा को प्रोत्साहित करने का प्रयास कर रहा है और देश की मीडिया इसकी अनकही कहानी को जो लोग उजागर करना चाहते हैं, उनकी आवाज को दबा रही है। उनकी दो किताबों 'छद्म युद्ध : कश्मीर में जिहाद की अनकही कहानी' और 'अंतरराष्ट्रीय जिहाद का आगमन : पाकिस्तानी लश्कर-ए-तैयबा' को वैश्विक स्तर पर पहचान मिली है।