कश्मीर मुद्दे को लेकर सऊदी अरब के खिलाफ टिप्पणी कर घर में ही घिरे पाक विदेश मंत्री
हाल ही में दो पाकिस्तान पत्रकारों रऊफ क्लासरा और अमीर मतीम ने पाकिस्तान के प्रति सऊदी अरब के रुख में आए अचानक बदलाव पर चर्चा की।
इस्लामाबाद, एएनआइ। कश्मीर मुद्दे को लेकर सऊदी अरब के खिलाफ टिप्पणी करने वाले पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी को देश में ही आलोचना का सामना करना पड़ रहा है। दोनों देशों में यह दूरी तब दिखाई दी जब पाकिस्तान को सऊदी अरब को एक अरब डॉलर (लगभग 7500 करोड़ रुपये) का भुगतान करना पड़ा। कुरैशी की टिप्पणी यह दर्शाती है कि इस्लामाबाद धीरे-धीरे अन्य मुस्लिम देशों का समर्थन खोता जा रहा है।
हाल ही में दो पाकिस्तान पत्रकारों रऊफ क्लासरा और अमीर मतीम ने पाकिस्तान के प्रति सऊदी अरब के रुख में आए अचानक बदलाव पर चर्चा की। मतीम ने इस तरह का बयान देने के लिए कुरैशी की आलोचना करते हुए कहा कि वह कभी-कभी भावनात्मक रूप से बोलते हैं और मामले को बहुत दूर तक ले जाते हैं।
उन्होंने कहा कि वित्तीय संकट में सऊदी अरब ही पाकिस्तान का एकमात्र सहारा है, ऐसे में कुरैशी को उसके खिलाफ कोई भी बयान देने से पहले सोचना चाहिए। मतीम ने कहा कि यह उम्मीद नहीं की जानी चाहिए कि चूंकि सऊदी अरब पाकिस्तान का दोस्त है, इसलिए वह कश्मीर पर उसी तरह का रुख अपनाएगा। हमें ध्यान रखना चाहिए कि यह एक कॉलेज नहीं है बल्कि यह एक अंतरराष्ट्रीय परिक्षेत्र है।
शाह महमूद कुरैशी की कश्मीर मुद्दे पर आर्गेनाइजेशन ऑफ इस्लामिक कंट्रीज (ओआइसी) को दो फाड़ करने की धमकी देना पाकिस्तान को महंगा पड़ गया है। सऊदी अरब ने पाकिस्तान को उधार में तेल देना बंद कर दिया है। पाकिस्तान अब गिड़गिड़ा रहा है लेकिन सऊदी अरब अब ध्यान नहीं दे रहा है। बता दें कि आर्थिक बदहाली से जूझ रहे पाकिस्तान ने दिवालिया होने से बचने के लिए साल 2018 में सऊदी अरब से 6.2 (करीब 46 हजार करोड़ रुपये) अरब डॉलर का कर्ज लिया था।
चीन का मुंह ताक रहा पाक
कर्ज पैकेज के तहत पाकिस्तान को 3.2 अरब डॉलर (करीब 24 हजार करोड़ रुपये) का तेल उधार में देने का प्रावधान किया गया था। पाकिस्तानी मीडिया के मुताबिक, इस प्रावधान की मियाद दो महीने पहले ही खत्म हो चुकी है। इसका अब तक नवीनीकरण नहीं हुआ है। पाकिस्तान ने चीन से उधार लेकर सऊदी अरब से लिए कर्ज में से एक अरब डॉलर (करीब साढ़े सात हजार करोड़ रुपये) की किस्त समय से चार महीने पहले ही चुका दी है, लेकिन बाकी कर्ज चुकाने के लिए भी वह चीन का मुंह देख रहा है।
कुछ दिनों पहले शाह ने कहा था कि कश्मीर मुद्दे पर सऊदी अरब ने ओआइसी के विदेश मंत्रियों की आपात बैठक नहीं बुलाई तो पाकिस्तान खुद यह बैठक बुला सकता है। उन्होंने कहा कि अगर सऊदी अरब बैठक नहीं बुलाता है तो मैं प्रधानमंत्री इमरान खान से यह आग्रह करने के लिए विवश हो जाऊंगा कि वे खुद उन इस्लामिक देशों की बैठक बुलाएं, जो कश्मीर मुद्दे पर हमारे साथ हैं।'