Move to Jagran APP

FATF के सामने बेनकाब पाकिस्‍तान ने अमेरिका को दी सफाई, कुरैशी ने पोंपियों से की बात

आतंकी फंडिंग पर नजर रखने वाली संस्था फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स (Financial Action Task Force FATF) के सामने बेनकाब पाकिस्‍तान ने अमेरिका को सफाई दी है।

By Krishna Bihari SinghEdited By: Published: Tue, 18 Jun 2019 03:41 PM (IST)Updated: Tue, 18 Jun 2019 04:24 PM (IST)
FATF के सामने बेनकाब पाकिस्‍तान ने अमेरिका को दी सफाई, कुरैशी ने पोंपियों से की बात

इस्‍लामाबाद, एजेंसी। आतंकी फंडिंग पर नजर रखने वाली संस्था फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स (Financial Action Task Force, FATF) के सामने बेनकाब पाकिस्‍तान की छटपटाहट साफ साफ दिखाई देने लगी है। वह आतंकवाद के मुद्दे पर विश्‍व समुदाय के सामने खुद को पाक साफ बताने की कोशिशों में लगा है। इन्‍हीं कोशिशों के तहत पाकिस्‍तान (Pakistan) के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी (Shah Mahmood Qureshi) ने अपने अमेरिकी समकक्ष माइक पोंपियो (Mike Pompeo) से बात की और एफएटीएफ की चिंताओं पर इस्‍लामाबाद द्वारा उठाए गए कदमों के बारे में जानकारी दी।

loksabha election banner

यही नहीं शाह महमूद कुरैशी ने आतंकी फंडिंग के मसले पर भी पाकिस्‍तान द्वारा उठाए गए कदमों के बारे में जानकारी दी। गौरतलब है कि ब्रिटेन की यात्रा पर गए कुरैशी ने टेलीफोन पर अमेरिकी विदेश मंत्री पोंपियो से बात की। बताया जाता है कि दोनों नेताओं के बीच द्विपक्षीय संबंधों, क्षेत्रीय स्थिरता और सुरक्षा पर बातचीत हुई। पाकिस्‍तान के विदेश मंत्रालय ने यह जानकारी दी। 

दरअसल, एफएटीएफ ने कहा है कि उसकी तरफ से दिए गए 27 में से 25 मानकों पर पाकिस्तान लश्कर-ए-तैयबा (एलईटी) और जैश-ए-मुहम्मद (जेईएम) जैसे आतंकी संगठनों और जमात-उद-दावा (जेयूडी) और फलह-ए-इंसानियत फाउंडेशन (एफआइएफ) जैसे उनके मुखौटा संगठनों को वित्तीय मदद रोकने के लिए कार्रवाई करने में विफल रहा है। 

फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स की इस कार्रवाई ने पाकिस्तान की मुश्किलें और बढ़ा दी हैं। क्योंकि इस कार्रवाई के बाद अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आइएमएफ), विश्व बैंक(डब्ल्यूबी) और यूरोपीय संघ(ईयू) जैसे संस्थान भी पाकिस्तान को डाउनग्रेड करेंगे, जिससे उसकी आर्थिक स्थिति और खराब होने की संभावना है। 

पेरिस स्थित एफएटीएफ ने पाकिस्तान से यह पूछा है कि क्या उसने लश्कर ए तोइबा, जैश-ए-मुहम्मद, जमात उद दावा और फलह-ए-इंसानियत फाउंडेशन जैसे आतंकी संगठनों द्वारा संचालित स्कूलों, मदरसों, क्लीनिक और एंबुलेंस के लिए आवंटित 70 लाख डॉलर (लगभग चार हजार आठ सौ करोड़ रुपये) की कोई जांच शुरू कराई है। उल्लेखीय है कि भारत के प्रयासों का ही नतीजा है कि अब दुनिया इस बात को मानने लगी है कि पाकिस्तान ही दहशतगर्दी का सबसे बड़ा पोषक है। वह ही इस्लाम के नाम पर लोगों को गुमराह कर रहा है।

लोकसभा चुनाव और क्रिकेट से संबंधित अपडेट पाने के लिए डाउनलोड करें जागरण एप


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.