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Pakistan Firing: काफिले पर हमला, बलूचिस्तान नेशनल पार्टी के नेता समेत 5 की मौत

बलूचिस्तान नेशनल पार्टी के नेता नवाब अमानुल्लाह ज़ाहरी के काफिले पर फायरिंग हुई। जिसमें उनके पोते की भी मौत हो गई।

By Manish PandeyEdited By: Published: Sat, 17 Aug 2019 06:53 PM (IST)Updated: Sat, 17 Aug 2019 09:05 PM (IST)
Pakistan Firing: काफिले पर हमला, बलूचिस्तान नेशनल पार्टी के नेता समेत 5 की मौत
Pakistan Firing: काफिले पर हमला, बलूचिस्तान नेशनल पार्टी के नेता समेत 5 की मौत

इस्लामाबाद, आइएएनएस। बलूचिस्तान में शनिवार को हुई फायरिंग में बलूचिस्तान नेशनल पार्टी के नेता की मौत हो गई। मोटरसाइकिल सवार अज्ञात बंदूकधारियों ने बलूचिस्ताननेशनल पार्टी के नेता नवाब अमानुल्लाह ज़ाहरी के काफिले पर अंधाधुंध गोलियां चलाईं। रिपोर्टों के अनुसार, काफिले पर हुए हमले में अमानुल्लाह सहित कम से कम पांच लोगों के मारे जाने की खबर है। 

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पुलिस के मुताबिक बदमाशों ने बलूचिस्तान नेशनल पार्टी के नेता नवाब अमानुल्लाह को निशाना बनाकर फायरिंग की। हमले के समय अमानुल्लाह का काफिला खुजदार के जहरी इलाके से गुजर रहा था। कफिले में अमानुल्लाह के पोते की भी मौत हो गई है, जो काफिले की एक गाड़ी में मौजूद था। फायरिंग के बाद हमलावर मौके से फरार हो गए। फिलहाल किसी समूह ने इस हमले की जिम्मेदारी नहीं ली है।

मस्जिद धमाके में 4 लोगों की मौत
बता दें कि इससे पहले शुक्रवार को बलूचिस्तान की एक मस्जिद में जोरदार बम धमाका हुआ था, जिसमें 4 लोगों की मौत हो गई थी जबकि 15 लोग घायल हो गए थे। धमाका क्वेटा के पास कुचलाक की एक मस्जिद में हुआ था। धमाका इतना तेज था कि मस्जिद की छत नीचे आ गई थी।

1948 से बलूचिस्‍तान लड़ रहा लड़ाईबलूचिस्‍तान दक्षिण पश्चिम पाकिस्तान, ईरान के दक्षिण पूर्वी प्रांत सिस्‍तान और अफगानिस्‍तान के बलूचिस्‍तान प्रांत तक फैला हुआ है। इसका अधिकांश इलाका पाकस्तिान के कब्‍जे में है। पाकिस्‍तान का यह इलाका सबसे गरीब और उपेक्षित है। हालांकि, प्राकृतिक संसाधानों के लिहाज यह यह सर्वाधिक उपयोगी क्षेत्र है।

1948 से बलूचिस्‍तान पाकिस्‍तानी कब्‍जे के खिलाफ संघर्ष कर रहा है। बलूचिस्‍तान का दावा रहा है कि उन्‍हें 11 अगस्‍त 1947 को अंग्रेजों से आजादी मिली थी, लेकिन पाकिस्‍तान इसे अपना हिस्‍सा मानता रहा है। पाकिस्‍तानी सेना ने कई बार बलूच आंदोलन को निर्मम तरीके से खत्‍म किया है।


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