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पाकिस्तान का चालू खाता घाटा नौ अरब डालर पार, कर्ज के जाल में बुरी तरह से फंसने की आशंका बढ़ी

पाकिस्तान का चालू खाता घाटा (सीएडी) मौजूदा वित्त वर्ष की पहली छमाही में नौ अरब डालर (करीब 670 अरब रुपये) पार कर चुका है जो जीडीपी का 5.7 प्रतिशत है। विश्लेषकों ने चेताया कि अगर सीएडी इसी तरह बढ़ता रहा तो पाकिस्तान कर्ज के जाल में बुरी तरह फंस जाएगा।

By Arun Kumar SinghEdited By: Published: Sun, 23 Jan 2022 08:32 PM (IST)Updated: Sun, 23 Jan 2022 11:12 PM (IST)
पाकिस्तान का चालू खाता घाटा नौ अरब डालर पार, कर्ज के जाल में बुरी तरह से फंसने की आशंका बढ़ी
पाक‍िस्‍तान के पीएम इमरान खान की फाइल फोटो

कराची, एएनआइ। पाकिस्तान का चालू खाता घाटा (सीएडी) मौजूदा वित्त वर्ष की पहली छमाही में नौ अरब डालर (करीब 670 अरब रुपये) पार कर चुका है, जो सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) का 5.7 प्रतिशत है। इस पर चिंता जताते हुए विश्लेषकों ने चेताया है कि अगर सीएडी इसी तरह बढ़ता रहा, तो पाकिस्तान जल्द ही कर्ज के जाल में बुरी तरह फंस जाएगा।

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स्टेट बैंक आफ पाकिस्तान ने अर्थव्यवस्था के लिए बताया बड़ा सदमा

डान की रिपोर्ट के अनुसार, स्टेट बैंक आफ पाकिस्तान ने शनिवार को आंकड़े जारी करते हुए बताया कि देश का सीएडी 9.09 डालर पहुंच चुका है, जो पटरी पर लौट रही अर्थव्यस्था के लिए बड़ा व्यापारिक सदमा है। देश का कुल आयात जब निर्यात से अधिक हो जाता है तो उसे चालू खाता घाटा यानी सीएडी कहा जाता है। गत वर्ष नवंबर (1.89 अरब डालर) व दिसंबर (1.93 अरब डालर) में सीएडी लगभग बराबर था। जुलाई से दिसंबर 2021 तक का घाटा एक साल पहले की उसी अवधि के सरप्लस 1.24 अरब डालर (डीजीपी का 0.9 प्रतिशत) के बिल्कुल विपरीत रहा।

आधुनिक मशीनरी के आयात के कारण सीएडी में हुआ इजाफ

पाकिस्तान के सीएडी की सबसे बड़ी वजह आयात है, जो जुलाई से दिसंबर के दौरान 53 फीसद की वृद्धि के साथ 41.66 अरब डालर हो गया। देश की दूसरी तिमाही का सीएडी पहली तिमाही से काफी ज्यादा था। वित्तीय वर्ष 2019-20 व 2020-21 में पाकिस्तान का सीएडी जीडीपी का क्रमश: 1.7 व 0.6 प्रतिशत रहा था। इमरान सरकार का तर्क है कि आधुनिक मशीनरी के आयात के कारण सीएडी में इजाफा हुआ है, लेकिन यह अर्थव्यस्था में वृद्धि की निशानी है। हालांकि, सरकार का तर्क विशेषज्ञों के गले नहीं उतरता। उनका मानना है कि बढ़ता सीएडी आर्थिक वृद्धि के बजाय बड़ी समस्या पैदा कर सकता है।

इमरान खान ने माना, पाकिस्तान में विकराल हुई महंगाई

पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने स्वीकार किया है कि देश की जनता भीषण महंगाई का सामना कर रही है। खाने--पीने की चीजों से लेकर पेट्रोल तक की कीमतों में काफी इजाफा हुआ है। डान की रिपोर्ट के अनुसार, एक आनलाइन कार्यक्रम में इमरान ने कहा कि देश में ब़़ढती महंगाई की वजह से उन्हें रातों में नींद नहीं आती, लेकिन यह एक वैश्विक त्रासदी है। उन्होंने कहा कि जब वह सरकार में आए, तब खजाना पूरी तरह खाली था। उन्हें वित्तीय घाटे का सामना करना पड़ा, जिससे आयात पर लागत में इजाफा हुआ।


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