मुंबई हमले के सरगना हाफिज सईद के सहयोगियों की सजा पर रोक, आतंकी फंडिंग मामले में हैं दोषी
दोनों आतंकियों ने अपनी सजा को लाहौर हाई कोर्ट में चुनौती दी थी। लाहौर हाई कोर्ट ने गुरुवार को दोनों की एक साल जेल की सजा को निलंबित कर दिया।
लाहौर, एजेंसी। पाकिस्तान की एक अदालत ने जमात-उद-दावा (जेयूडी) के दो आतंकियों की एक साल जेल की सजा निलंबित कर दी है। दोनों आतंकी मुंबई हमले के सरगना हाफिज सईद के करीबी सहयोगी हैं। लाहौर की आतंकरोधी अदालत ने जून में जेयूडी सदस्यों-अब्दुल रहमान मक्की और अब्दुस सलाम को एक साल जेल की सजा सुनाई थी। इन दोनों पर 50,000 रुपये का जुर्माना भी लगाया गया था, जिसे देने में विफल रहने पर छह महीने अतिरिक्त कारावास की सजा सुनाई गई थी।
दोनों आतंकियों ने अपनी सजा को लाहौर हाई कोर्ट में चुनौती दी थी। लाहौर हाई कोर्ट ने गुरुवार को दोनों की एक साल जेल की सजा को निलंबित कर दिया। हाई कोर्ट की असजद जावेद गुराल और वहीद खान की पीठ ने बचाव और अभियोजन दोनों पक्षों की दलीलें सुनीं। मक्की और सलाम की याचिका स्वीकार करते हुए उन्होंने आतंक रोधी अदालत के फैसले को निलंबित करने का आदेश दिया। दोनों आतंकियों को जमानत पर रिहा करने का भी आदेश दिया। जेयूडी के दोनों सदस्य फिलहाल कोट लखपत जेल में सजा भुगत रहे हैं।
आतंकी फंडिंग में दोनों पाए गए थे दोषी
आतंकरोधी अदालत के फैसले के अनुसार, मक्की और सलाम आतंकी फंडिंग में दोषी पाए गए थे। वे दोनों धन संग्रह करते थे और गैरकानूनी करार दिए गए लश्कर-ए- तैयबा की अवैध तरीके से फंडिंग करते थे। जमात-उद-दावा की राजनीतिक और अंतरराष्ट्रीय मामलों की शाखा के प्रमुख मक्की को प्रतिबंधित संगठनों के खिलाफ सरकार की कार्रवाई के दौरान गिरफ्तार किया गया था।
पाकिस्तान ने हाफिज सईद समेत पांच आंतकियों के बैंक अकाउंट किए बहाल
वहीं, दूसरी ओर पिछले महीने पाकिस्तान ने 2008 मुंबई हमले के मास्टरमाइंड हाफिज सईद समेत जमात उद दावा (JuD) लश्कर-ए-तैयबा (LeT) से जुड़े पांच आतंकी सरगनाओं के बैंक अकाउंट फिर से बहाल कर दिया था। पाकिस्तान द्वारा यह कदम संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) की मंजूरी के बाद यह कदम उठाया गया था।
हाफिज सईद के अलावा अब्दुल सलाम भुट्टवी, हाजी एम अशरफ, याहया मुजाहिद और जफर इकबाल का बैंक अकाउंट फिर से शुरू हो गया। ये सभी यूएनएससी के सूचीबद्ध आतंकवादी हैं और वर्तमान में पंजाब काउंटर टेररिज्म डिपार्टमेंट (सीटीडी) द्वारा उनके खिलाफ दायर टेरर फाइनेंसिंग के मामलों में लाहौर जेल में 1 से 5 साल तक की सजा का सामना कर रहे हैं।