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पाक में नीलाम नहीं होगी महाराजा रणजीत सिंह के दौर के गुरुद्वारे की जमीन, हाई कोर्ट ने नीलामी पर लगाई रोक

पाकिस्तान के पेशावर शहर में स्थित ऐतिहासिक गुरुद्वारा भाई बेबा सिंह की जमीन की नीलामी नहीं होगी। पेशावर हाई कोर्ट ने गुरुद्वारे की जमीन के एक हिस्से की नीलामी प्रक्रिया रोक दी और मामले की जांच का आदेश दिया है।

By Krishna Bihari SinghEdited By: Published: Sat, 10 Oct 2020 04:37 PM (IST)Updated: Sat, 10 Oct 2020 04:37 PM (IST)
पाक में नीलाम नहीं होगी महाराजा रणजीत सिंह के दौर के गुरुद्वारे की जमीन, हाई कोर्ट ने नीलामी पर लगाई रोक
पाकिस्तान के पेशावर शहर में स्थित ऐतिहासिक गुरुद्वारा भाई बेबा सिंह की जमीन की नीलामी नहीं होगी।

पेशावर, एजेंसियां। पाकिस्तान के पेशावर शहर में स्थित ऐतिहासिक गुरुद्वारा भाई बेबा सिंह की जमीन की नीलामी नहीं होगी। पेशावर हाई कोर्ट ने गुरुद्वारे की जमीन के एक हिस्से की नीलामी प्रक्रिया रोक दी और मामले की जांच का आदेश दिया है। कोर्ट ने नीलामी प्रक्रिया को अवैध करार दिया है।

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डॉन अखबार की खबर के अनुसार, जस्टिस रूहुल अमीन और जस्टिस मियां अतीक शाह की पीठ ने शुक्रवार को नीलामी पर रोक लगाने का आदेश दिया। सुनवाई के दौरान कोर्ट ने भ्रष्टाचार रोधी एजेंसी राष्ट्रीय जवाबदेही ब्यूरो (एनएबी) को मामले की जांच करने का आदेश दिया। साथ ही नीलामी प्रक्रिया में शामिल लोगों के खिलाफ कार्रवाई करने को भी कहा है।

कोर्ट ने यह आदेश पाकिस्तान सिख गुरुद्वारा प्रबंधक समिति के सदस्य साहिब सिंह और गुरुद्वारा भाई बेबा सिंह के पांच सदस्यों की ओर से संयुक्त रूप से दायर अर्जी पर दिया। याचिकाकर्ताओं ने नीलामी प्रक्रिया को अवैध घोषित करने का आग्रह किया था। करीब 300 साल प्राचीन यह गुरुद्वारा पेशावर की चक्का गली में है।

इसका निर्माण महाराजा रणजीत सिंह के शासन के दौरान किया गया था। पुनरोद्धार के बाद इस गुरुद्वारे को वर्ष 2016 में पहली बार खोला गया था। हाल ही में लाहौर के नौलखा बाजार में स्थित प्रसिद्ध गुरुद्वारे को मस्जिद में बदलने के प्रयासों पर भारत ने पाकिस्तानी उच्चायोग के समक्ष कड़ी आपत्ति दर्ज कराई थी। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अनुराग श्रीवास्तव ने बताया था कि गुरुद्वारा 'शहीदी अस्थान' भाई तरु सिंहजी के शहादत स्थल पर बना हुआ है।

वहीं पाकिस्तान दावा कर रहा है कि यह मस्जिद शहीदगंज है। अब इसे मस्जिद में बदलने का प्रयास किया जा रहा है। इसे लेकर भारत ने पाकिस्तानी उच्चायोग के समक्ष कड़ा विरोध दर्ज कराया था। यह गुरुद्वारा लाहौर में उस स्थान पर स्थापित किया गया है, भाई तारू सिंह जहां जाकिया खान के हाथों शहीद हुए थे।


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