भ्रष्टाचार मामले में पूर्व राष्ट्रपति जरदारी पर आरोप तय, सरकारी खजाने को 3.77 अरब का नुकसान पहुंचाने का आरोप
पाकिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी के खिलाफ पाकिस्तान की एक राष्ट्रीय जवाबदेही अदालत में भ्रष्टाचार के एक मामले में आरोप तय कर दिए गए हैं।
इस्लामाबाद, एएनआइ। पाकिस्तान की एक राष्ट्रीय जवाबदेही अदालत में सोमवार को पूर्व राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी के खिलाफ भ्रष्टाचार के एक मामले में आरोप तय कर दिए गए। यह मामला पार्क लेन फर्म से जुड़ा है। जरदारी पर फर्जी बैंक खातों के जरिये सरकारी खजाने का 3.77 अरब रुपये की चपत लगाने का आरोप है। एक्सप्रेस ट्रिब्यून अखबार के अनुसार, जरदारी कराची स्थित अपने बिलावल हाउस से वीडियो लिंक के जरिये कोर्ट के समक्ष पेश हुए।
पूर्व राष्ट्रपति ने कहा कि उन्होंने कोई जुर्म नहीं किया है। सुनवाई के दौरान जरदारी ने जज आजम खान से कहा कि उनके वकीलों की अनुपस्थिति में उन पर आरोप तय नहीं किए जा सकते हैं। हालांकि जज ने उनकी यह अपील ठुकरा दी और कहा कि अगर उनके वकील उपस्थित नहीं हुए तो भी आरोप तय किए जाएंगे।
राष्ट्रीय जवाबदेही ब्यूरो (एनएबी) की ओर से दाखिल आरोप पत्र के अनुसार, जरदारी ने राष्ट्रपति पद पर रहते हुए अपनी कंपनियों के लिए लोन जारी करने को लेकर अधिकारियों पर दबाव बनाया था। उन पर पर पार्क लेन का निदेशक होने के साथ ही धोखाधड़ी की साजिश रचने के भी आरोप लगाए गए हैं। जरदारी की कंपनी को कथित रूप से डेढ़ अरब रुपये का लोन जारी किया गया था। यह राशि फर्जी खातों के जरिये निजी इस्तेमाल के लिए ट्रांसफर की गई थी।
अभी हाल ही में नेशनल असेंबली में नेता विपक्ष शहबाज शरीफ और उनके बेटे हमजा शहबाज के खिलाफ भ्रष्टाचार के एक मामले में आरोप तय किए गए थे। लाहौर जवाबदेही अदालत ने हाल ही में पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ के खिलाफ भूमि अवंटन के एक मामले में जमानती वारंट जारी किया था जो मौजूदा वक्त में उपचार के लिए लंदन में हैं। शहबाज के खिलाफ चिनोट में 2010-2013 में एक नाले के निर्माण के लिए करदाताओं के पैसे के दुरुपयोग मामले में आरोप तय किए गए थे।