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मुशर्रफ की मौत की सजा पर लाहौर हाइकोर्ट के फैसले को SC में चुनौती, दायर की गई याचिका

मीडिया रिपोर्ट में शुक्रवार को कहा गया कि इसको लेकर पाकिस्तान बार काउंसिल ने सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दायर की है।

By Shashank PandeyEdited By: Published: Fri, 06 Mar 2020 12:54 PM (IST)Updated: Fri, 06 Mar 2020 01:28 PM (IST)
मुशर्रफ की मौत की सजा पर लाहौर हाइकोर्ट के फैसले को SC में चुनौती, दायर की गई याचिका
मुशर्रफ की मौत की सजा पर लाहौर हाइकोर्ट के फैसले को SC में चुनौती, दायर की गई याचिका

इस्लामाबाद, प्रेट्र। पाकिस्तान में पूर्व राष्ट्रपति और तानाशाह परवेज मुशर्रफ की मौत की सजा के फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में अपील की गई है। पाकिस्तान बार काउंसिल ने मुशर्रफ की मौत की सजा के खिलाफ लाहौर हाईकोर्ट के फैसले को चुनौती दी है। मीडिया रिपोर्ट में शुक्रवार को कहा गया कि पाकिस्तान बार काउंसिल ने सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दायर की है, जिसमें लाहौर हाईकोर्ट के पूर्व तानाशाह परवेज मुशर्रफ को देशद्रोह के मामले में मौत की सजा पर रोक लगाने के आदेश को चुनौती दी गई है।

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पिछले साल 17 दिसंबर को इस्लामाबाद की एक विशेष अदालत ने दुबई में रह रहे 74 साल के रिटायर्ड जनरल परवेज मुशर्रफ को मौत की सजा सुनाई थी। उनके खिलाफ हाई-प्रोफाइल राजद्रोह मामले की सुनवाई के छह साल बाद यह फैसला सुनाया गया था।हालांकि, 13 जनवरी को राजद्रोह मामले में मुशर्रफ के मुकदमे को लाहौर हाइकोर्ट द्वारा असंवैधानिक घोषित किया गया था, जिसने पूर्व राष्ट्रपति के खिलाफ मौत की सजा की घोषणा की गई थी।

पाकिस्तान बार काउंसिल ने गुरुवार को लाहौर हाईकोर्ट के इस फैसले के खिलाफ याचिका दायर की।पाकिस्तान के अखबार डॉन के मुताबिक, पाकिस्तान बार काउंसिल(PBC) के वाइस चेयरमैन आबिद साकी और सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन के अध्यक्ष सैयद क़ालब-ए-हसन द्वारा समर्थित अन्य लोगों की ओर से दायर याचिका में शीर्ष अदालत से लाहौर हाइकोर्ट का फ़ैसला टालने की मांग की गई है। इसमें कई गंभीर सवाल पूछे गए हैं।

गौरतलब है कि पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ के नेतृत्व वाली पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज (पीएमएल-एन) सरकार ने नवंबर 2007 में पूर्व सेना प्रमुख जनरल परवेज परवेज मुशर्रफ के खिलाफ नवंबर 2007 में आपातकाल लगाने के खिलाफ राजद्रोह का मामला दायर किया था, जिसके कारण उन्हें गिरफ्तार किया गया था।

लाहौर हाईकोर्ट ने 13 जनवरी के अपने आदेश में कहा था कि विशेष अदालत का गठन असंवैधानिक था और मुशर्रफ के खिलाफ राजद्रोह का मुकदमा कानून के अनुसार तैयार नहीं किया गया था।


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