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पाकिस्‍तान में बच्चों के साथ बर्बरता करने वालों को खुले में दी जाएगी फांसी, संसद ने पारित किया प्रस्ताव

Abusing children in Pakistan पाकिस्‍तान की पाकिस्‍तान की नेशनल एसेंबली ने बच्‍चों के यौन उत्पीड़न और उनकी हत्‍या के दोषियों को सरेआम फांसी देने का प्रस्‍ताव बहुमत से पारित किया है।

By Krishna Bihari SinghEdited By: Published: Fri, 07 Feb 2020 04:28 PM (IST)Updated: Fri, 07 Feb 2020 08:16 PM (IST)
पाकिस्‍तान में बच्चों के साथ बर्बरता करने वालों को खुले में दी जाएगी फांसी, संसद ने पारित किया प्रस्ताव
पाकिस्‍तान में बच्चों के साथ बर्बरता करने वालों को खुले में दी जाएगी फांसी, संसद ने पारित किया प्रस्ताव

इस्‍लामाबाद, आइएएनएस। पाकिस्तान में संसद ने बच्चों के साथ यौन अपराध कर उनकी हत्या करने के दोषियों को खुले में फांसी दिए जाने का प्रस्ताव पारित कर दिया है। यह प्रस्ताव खैबर पख्तूनख्वा प्रांत के नौशेरा में 2018 में आठ साल की बच्ची के साथ दुष्कर्म और उसकी हत्या का उल्लेख करते हुए लाया गया था। विपक्षी पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (पीपीपी) के अतिरिक्त बाकी सभी दलों के सांसदों ने प्रस्ताव के समर्थन में मत दिया।

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पीपीपी नेता और पूर्व प्रधानमंत्री राजा परवेज अशरफ ने कहा, सार्वजनिक रूप से फांसी दिया जाना संयुक्त राष्ट्र के नियमों का उल्लंघन है। इस तरह से दंड देकर अपराधों को नहीं रोका जा सकता है। संसदीय मामलों के राज्य मंत्री अली मुहम्मद खान ने सदन में प्रस्ताव पेश किया। इस दौरान चर्चा में बच्चों के साथ यौन अपराधों की बढ़ती घटनाओं की कड़े शब्दों में निंदा की गई। 

प्रस्ताव में कहा गया है कि सदन बच्चों के साथ शर्मनाक कृत्य और उनकी बर्बर हत्या को रोकने के लिए कड़े कदम उठाए जाने, हत्यारों और दुष्कर्मियों को सजा के तौर पर न केवल फांसी देने बल्कि सार्वजनिक रूप से लटकाए जाने की मांग करता है। ज्यादातर सांसदों ने प्रस्ताव पर सहमति जताई। इस प्रस्ताव का दो मंत्रियों ने विरोध भी किया लेकिन मतदान के समय वे सदन से अनुपस्थित रहे। 

विरोध करने वाले विज्ञान मंत्री फवाद चौधरी ने ट्वीट किया कि खुले में फांसी देना गंभीर सामाजिक कुरीति है। बर्बरता से किसी अपराध को जवाब नहीं दिया जाना चाहिए। सार्वजनिक फांसी अतिवाद का दूसरा चेहरा होगा। मानवाधिकार मामलों की मंत्री शिरीन मजारी ने भी प्रस्ताव पर विरोध जताया है।

पाकिस्‍तान के बाल अधिकार संगठन साहिल ने पिछले सितंबर में एक रिपोर्ट जारी की थी जिसके अनुसार जनवरी से जून तक पाकिस्‍तान में बच्चों के यौन शोषण के 1,304 मामले सामने आए। यह रिपोर्ट बताती है कि पाकिस्‍तान में हर रोज कम से कम सात बच्चे यौन उत्‍पीड़न के शिकार होते हैं। इस मसले पर सरकार की कड़ी आलोचना होती है। पाकिस्‍तान में मानवाधिकार संगठन ऐसे अपराधों की रोकथाम के लिए संबंधित कानूनों के अनुपालन में खामियों को दूर करने के लिए ठोस उपाय नहीं करने के मसले पर आवाज बुलंद करते रहे हैं। 


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