पीओके में पाक की बर्बर कार्रवाई, सेना के खिलाफ आवाज उठा रहे 22 लोगों को किया अरेस्ट
22 arrested in PoK पीओके के हाजिरा इलाके में पाकिस्तानी शासन से आजादी की मांग कर रहे 22 लोगों को पाकिस्तानी सुरक्षाबलों ने गिरफ्तार कर लिया है।
इस्लामाबाद/नई दिल्ली, एजेंसी। पीओके कहीं हाथ से निकल न जाए इस आशंका से पाकिस्तानी हुक्मरानों की नींद उड़ी हुई है। यही वहज है कि पाकिस्तानी सेना ने इन दिनों गुलाम कश्मीर (POK) में ज्यादतियों की इंतेहा कर दी है। ताजा मामला पीओके के हाजिरा इलाके का है जहां पाकिस्तानी पुलिसकर्मियों ने आजादी की मांग कर रहे 22 लोगों को गिरफ्तार कर लिया। पाकिस्तानी अखबार डॉन की रिपोर्ट के मुताबिक, शनिवार को हजारों लोग आजादी की मांग को लेकर पैदल मार्च निकाल रहे थे तभी पुलिस पहुंची और उसने हजारों लोगों को रोककर 22 प्रदर्शनकारियों को गिरफ्तार कर लिया।
रिपोर्ट के मुताबिक, यह घटना दावरांदी गांव में हुई। उक्त विरोध प्रदर्शन को सरदार मोहम्मद सागीर की अगुवाई वाले संगठन द्वारा बुलाया गया था। अभी हाल ही में पाकिस्तानी सुरक्षा बलों ने बलूचिस्तान प्रांत में आजादी की मांग के लिए लड़ रहे छह लोगों को मौत के घाट उतार दिया था। मरने वालों में एक महिला भी शामिल थी। सनद रहे कि पीओके के साथ साथ पाकिस्तान के बलूचिस्तान प्रांत में कई दशकों से लोग पाकिस्तानी शासन से आजादी की मांग कर रहे हैं। हालांकि बार-बार पाकिस्तानी सेना उनकी आवाज को बंदूक के दम पर कुचल देती है।
दरअसल, पाकिस्तान पीओके की खनिज संपदा का जमकर दोहन कर रहा है। इलाके के लोग बदहाल दशा में जीने को मजबूर हैं। स्थानीय लोग इसके खिलाफ आवाज उठा रहे हैं। विरोध को दबाने के लिए पाकिस्तानी सेना ने यहां तमाम पाबंदियां लगा रखी हैं। रिपोर्ट में कहा गया है कि शुरुआत में 25 लोगों को गिरफ्तार किया गया लेकिन कुछ को बाद में छोड़ भी दिया गया। ट्विटर पर विरोध प्रदर्शनों का एक वीडियो भी वायरल हो रहा है, जिसमें लोग पाकिस्तानी सेना के विरोध में नारेबाजी करते दिखाई दे रहे हैं।
वहीं नई दिल्ली में भारत के एक रक्षा विशेषज्ञ ने बताया कि पाकिस्तान इस समय पीओके, सिंध और बालूचिस्तान में बड़े पैमाने पर मानवाधिकारों का उल्लंघन कर रहा है। रक्षा विशेषज्ञ पीके सहगल (PK Sehgal) ने जैश-ए-मोहम्मद सरगना मसूद अजहर (JeM chief Masood Azhar) की गुपचुप रिहाई की रिपोर्टों पर कहा कि पाकिस्तानी हुक्मरानों का यह कदम जम्मू-कश्मीर में आतंकियों की घुसपैठ कराने में नाकाम रहने पर उनकी हताशा को दिखा रहा है। दरअसल, भारतीय सुरक्षा बलों की मुस्तैदी के कारण पाकिस्तान जम्मू-कश्मीर में आतंकियों की घुसपैठ नहीं करा पा रहा है। यही वजह है कि मसूद अजहर की गुपचुप रिहाई की गई है।