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चीन को लुभाने के लिए पाकिस्तान ने बेल्ट एंड रोड प्रोजेक्ट का प्रमुख बदला, कर्मचारियों की सुरक्षा का भरोसा भी दिया

पाकिस्तान ने बीजिंग की बेल्ट एंड रोड इंफ्रास्ट्रक्चर योजना से सेवानिवृत्त आर्मी जनरल आसिम सलीम बाजवा को हटाकर चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारे (सीपेक) के सर्वोच्च पद के लिए खालिद मंसूर को नियुक्त कर दिया है। पढ़ें यह रिपोर्ट ...

By Krishna Bihari SinghEdited By: Published: Mon, 09 Aug 2021 07:11 PM (IST)Updated: Mon, 09 Aug 2021 07:14 PM (IST)
चीन को लुभाने के लिए पाकिस्तान ने बेल्ट एंड रोड प्रोजेक्ट का प्रमुख बदला, कर्मचारियों की सुरक्षा का भरोसा भी दिया
पाकिस्तान ने चीन को लुभाने के लिए बेल्ट एंड रोड प्रोजेक्ट के प्रमुख को बदल दिया है।

इस्लामाबाद, एजेंसियां। पाकिस्तान ने चीन को लुभाने के लिए बेल्ट एंड रोड प्रोजेक्ट के प्रमुख को बदल दिया है। इसके लिए उसने चीन के नजदीकी ऊर्जा विशेषज्ञ को नियुक्त किया है। निके एशिया की रिपोर्ट के मुताबिक तीन अगस्त को पाकिस्तान ने बीजिंग की बेल्ट एंड रोड इंफ्रास्ट्रक्चर योजना से सेवानिवृत्त आर्मी जनरल आसिम सलीम बाजवा को हटाकर चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारे (सीपेक) के सर्वोच्च पद के लिए खालिद मंसूर को नियुक्त कर दिया है। यह परियोजना 50 अरब डालर की बतायी जाती है।

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समाचार एजेंसी एएनआइ की रिपोर्ट के मुताबिक 32 साल के कैरियर वाले खालिद मंसूर ने सिंध एनग्रो कोल माइनिंग कंपनी एंड हब पावर कंपनी लिमिटेड जैसी ऊर्जा से जुड़ी कंपनियों में सर्वोच्च प्रबंधन के क्षेत्र में सर्वोच्च पदों पर काम किया है। ट्विटर पर पाकिस्तान के असद उमर ने कहा, 'मैं सीपेक की टीम में बतौर एसएपीएम खालिद मंसूर का स्वागत करता हूं। उनके व्यापक कारपोरेट अनुभव और चीनी कंपनियों के साथ किए गहन कामकाज का स्वागत करता हूं।

यही नहीं समाचार एजेंसी पीटीआइ की रिपोर्ट के मुताबिक पाकिस्तान ने रविवार को चीन को यह भी भरोसा दिया कि वह 60 अरब डॉलर की चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारा यानी सीपीईसी परियोजना समेत विभिन्न परियोजनाओं में काम कर रहे चीनी नागरिकों को पूरी सुरक्षा मुहैया कराएगा। पाकिस्‍तानी अखबार एक्सप्रेस ट्रिब्यून की रिपोर्ट के मुताबिक चीन के राजदूत नोंग रोंग ने रावलपिंडी में गृह मंत्री शेख राशिद से मुलाकात कर के चीनी नागरिकों की सुरक्षा के मसले पर चर्चा की थी।

हाल ही में ऐसी खबरें आई थीं कि पाकिस्तान में सीपीईसी की कुछ परियोजनाओं की धीमी गति से चीन खुश नहीं है। यही नहीं हाल के दिनों में सीपीईसी से जुड़े कई चीनी नागरिकों पर हमले भी किए गए हैं। बता दें कि पाकिस्तान के बलूचिस्तान में ग्वादर बंदरगाह को चीन के झिनजियांग प्रांत से जोड़ने के लिए सीपीईसी चीन की महत्वाकांक्षी बेल्ट एवं रोड इनिशिएटिव का हिस्‍सा है। पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर से होकर गुजरने के कारण भारत सीपीईसी परियोजना को लेकर अपना विरोध भी दर्ज कराता रहा है। 


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