इमरान सरकार ने विपक्ष पर कसा शिकंजा, नवाज शरीफ समेत अन्य पर भ्रष्टाचार के 11 नए मामले दर्ज
भ्रष्टाचार निरोधक निकाय ने पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ के खिलाफ एक और मामले को मंजूरी दी है। एनएबी ने शरीफ के पूर्व निजी सचिव फवाद हसन पूर्व केंद्रीय मंत्री अहसान इकबाल पूर्व विदेश सचिव एजाज और पूर्व खुफिया ब्यूरो के प्रमुख आफताब सुल्तान के खिलाफ भ्ज्ञी मामले दर्ज किए हैं।
इस्लामाबाद, एजेंसी। पाकिस्तान में इमरान खान के खिलाफ विपक्ष की एकता के मद्देनजर सरकार ने विपक्षी नेताओं पर शिकंजा कसाना शुरू कर दिया है। पाकिस्तान के भ्रष्टाचार निरोधक निकाय ने पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ के खिलाफ एक और नए मामले को मंजूरी दी है। प्रधानमंत्री इमरान खान ने कुछ दिन पहले अधिकारियों से भ्रष्टाचार के मामलों का निपटान जल्द से जल्द करने का अनुरोध किया था। बता दें कि पाकिस्तान मुस्लिम लीग (नवाज) के मुखिया नवाज शरीफ को 2017 में भ्रष्टाचार के आरोपों में सुप्रीम कोर्ट ने अयोग्य करार दिया था, इसके बाद उन्हें प्रधानमंत्री पद छोड़ना पड़ा था। वह फिलहाल इलाज के लिए लंदन में हैं।
एनएबी ने कुल 11 मामलों को मंजूरी दी
डॉन अखबार के मुताबिक राष्ट्रीय जवाबदेही ब्यूरो (नैब) ने शरीफ के पूर्व निजी सचिव फवाद हसन, पूर्व केंद्रीय मंत्री अहसान इकबाल, पूर्व विदेश सचिव एजाज चौधरी और पूर्व खुफिया ब्यूरो के प्रमुख आफताब सुल्तान के खिलाफ मामलों को भी मंजूरी दी है। गुरुवार को एनएबी की कार्यकारी बोर्ड की बैठक में कुल 11 मामलों को मंजूरी दी गई। एनएबी बैठक की अध्यक्षता न्यायमूर्ति जावेद इकबाल ने की।
73 उच्च-सुरक्षा वाहनों की खरीद में हुई हेराफेरी
नैब ने चौधरी, सुल्तान और फवाद के साथ शरीफ के खिलाफ गैरकानूनी तरीके से विदेशी गणमान्य व्यक्तियों की सुरक्षा के लिए 73 उच्च-सुरक्षा वाहनों की खरीद को मंजूरी दी थी। उन पर वाहनों के अवैध उपयोग का आरोप लगाया गया, जिससे राष्ट्रीय खजाने को 1 अरब 95 करोड़ 20 लाख रुपये से अधिक का नुकसान हुआ है। इबीएम ने निजी कंपनी अहमद एंड संस के ठेकेदार एहसान इकबाल और मलिक मोहम्मद अहमद के खिलाफ अधिकारियों से सांठ-गांठ कर नरोवाल में स्पोर्ट सिटी परियोजना की लागत 3 करोड़ रुपये से बढ़ाकर 30 करोड़ रुपये दिखाने के संबंध में मामला दर्ज करने की भी मंजूरी दी। इससे राष्ट्रीय खजाने को भारी नुकसान पहुंचा।
इमरान खान ने विपक्ष को चेताया था
नैब ने यह कदम हाल ही में प्रधानमंत्री इमरान खान के भाषण के बाद उठाया है, जिसमें उन्होंने कहा था कि विपक्षियों को अब एक अलग अंदाज वाले इमरान खान का सामना करना पड़ेगा। उनके इस बयान को और विपक्षी नेताओं की गिरफ्तारी और अदालतों में मुकदमे चलाने की चेतावनी के तौर पर देखा गया था। इतना ही नहीं उन्होंने नैब से भ्रष्टाचार के मामलों का तेजी से निपटान करने का भी अनुरोध किया था।
भ्रष्टाचार में घिरे नवाज शरीफ, मुश्किल में परिवार
जुलाई, 2018 के आम चुनावों से कुछ दिन पहले शरीफ को एवेनफील्ड संपत्तियों के मामले में दोषी ठहराया गया था। इस मामले में शरीफ को 10 साल जेल की सजा सुनाई गई थी। उनकी बेटी मरयम और दामाद मोहम्मद सफदर को एक वर्ष और सात साल की जेल की सजा सुनाई गई थी। दिसंबर, 2018 में भ्रष्टाचार-विरोधी अदालत (आइएचसी) के न्यायाधीश अरशद मलिक ने अल-अजीजिया स्टील मिल्स मामले में शरीफ को दोषी ठहराया और उन्हें सात साल जेल की सजा सुनाई। इस फैसले के बाद न्यायाधीश मलिक को बाद में कदाचार पर सेवा से बर्खास्त कर दिया गया था।
आइएचसी ने बाद में शरीफ, मरयम और सफदर को जमानत दे दी। अल-अजीजिया मामले में दोषी ठहराए जाने के बाद शरीफ को जेल भेज दिया गया था, लेकिन मेडिकल आधार पर आठ सप्ताह के लिए रिहा कर दिया गया था। आईएचसी ने सितंबर में अल-अजीजिया और एवेनफील्ड मामलों में शरीफ को दोषी ठहराए जाने के खिलाफ अपील की थी। दलील सुनने के बाद अदालत ने गैर-जमानती गिरफ्तारी वारंट जारी करते हुए शरीफ की अर्जी खारिज कर दी थी।