जैश को 'हाई' रिस्क कैटेगरी में शामिल करने पर राजी हुआ पाक, प्रतिबंधित सूची होगी अपग्रेड
आतंकी सगठन जैश ए मुहम्मद को हाई रिस्क कैटेगरी में शामिल करने पर राजी हो गया है। पाकिस्तान का कहना है कि वह नए सिरे से जैश के क्रियाकलापों की निगरानी और परीक्षण करेगा।
इस्लामाबाद [ एजेंसी ] । पुलवामा आतंकी हमले के बाद भारत की कूटनीतिक पहल रंग लाई है। इसके चलते पाकिस्तान पर लगातार अंतरराष्ट्रीय दबाव बढ़ता जा रहा है। भारत के इस दबाव का नतीजा है कि वह आतंकी सगठन जैश ए मुहम्मद को 'हाई' रिस्क कैटेगरी में शामिल करने पर राजी हो गया है। पाकिस्तान का कहना है कि वह नए सिरे से जैश के क्रियाकलापों की निगरानी और परीक्षण करेगा। उसने कहा कि वह अपनी प्रतिबंधित संगठनों की सूची को अपग्रेड करेगा। यह जानकारी पाकिस्तान में जारी एक रिपोर्ट में सामने आई है। इस रिपोर्ट में कहा गया है कि आतंकी वित्तपोषण और धन शोधन से निपटने के लिए सुचनाओं का साझा करना और आतंरिक कार्रवाई के लिए अतंर एजेंसी के साथ समन्वय की प्रक्रिया को और तेज करना होगा।
गत दिनों पेरिस स्थिति वित्तीय कार्रवाई कार्य बल (एफएटीएफ) ने पाकिस्तान की मौजूदा प्रतिबंधित 'लो' और 'मीडियम' सूची पर अपना एेतराज जताया था। पाकिस्तान के इस कदम को एफएटीएफ के विरोध का नतीजा बताया जा रहा है। बता दें कि तीन दिन पूर्व पाकिस्तान के वित्त सचिव आरिफ अहमद खान ने कहा था कि अगर पाक को कठोर आर्थिक प्रतिबंधों से बचना है, तो उसे जल्द ही आतंकवाद के खिलाफ कुछ सख्त कदम उठाने होंगे। वित्त सचिव का बयान ऐसे समय आया है, जब हाल में एफएटीएफ ने अपनी पेरिस बैठक में पाकिस्तान को ग्रे लिस्ट बाहर नहीं करने का फैसला लिया था।
जारी रिपोर्ट में चिंता जाहिर करते हुए कहा गया है कि एफएटीएफ का प्रतिनिधिमंडल अगले दो दिनों (25-26 मार्च) को इस्लामाबाद का दौरा करेगा। प्रतिनिधिमंडल पाकिस्तान द्वारा किए गए प्रयासों एवं नए अभ्यास की समीक्षा करेगा। इसके बाद यह प्रतिनिधिमंडल अपनी रिपोर्ट एफएटीएफ मुख्यालय को सौंपेगा। इस वर्ष के मई माह में एफएटीएफ की टीम पाकिस्तान उन लक्ष्यों की प्रगति और अनुपालन की नए सिरे समीक्षा करेगी। इस समीक्षा बैठक के बाद ही यह तय हो सकेगा कि पाकिस्तान को ग्रे लिस्ट से बाहर किया जाए या नहीं। अगर इसमें गंभीर कमियां पाई गई तो पाकिस्तान को बैल्क लिस्ट में डाला जा सकता है। बता दें कि पिछले वर्ष जून में आतंकवाद रोधी वित्तपोषण पर अंकुश लगाने में नाकाम रहने पर उसे ग्रे सूची में रखा गया था।
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