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पाकिस्तानी सांसद ने NAB पर लगाया मानवाधिकारों के उल्लंघन का आरोप, विपक्ष के खिलाफ हो रहा इस्तेमाल

पाकिस्तान में सीनेट के उपाध्यक्ष सलीम मांडवीवाला ने राष्ट्रीय जवाबदेही ब्यूरो (एनएबी) के खिलाफ मानवाधिकारों के उल्लंघन के आरोप लगाए हैं। उन्होंने इमरान खान की सरकार पर एजेंसी का इस्तेमाल करके विपक्ष के आंदोलन को कमजोर करने का आरोप लगाया है।

By TaniskEdited By: Published: Sun, 20 Dec 2020 03:32 PM (IST)Updated: Sun, 20 Dec 2020 03:32 PM (IST)
पाकिस्तानी सांसद ने NAB पर लगाया मानवाधिकारों के उल्लंघन का आरोप, विपक्ष के खिलाफ हो रहा इस्तेमाल
NAB पर लगा मानवाधिकारों के उल्लंघन का आरोप

इस्लामाबाद, एएनआइ। पाकिस्तान में सीनेट के उपाध्यक्ष सलीम मांडवीवाला ने राष्ट्रीय जवाबदेही ब्यूरो (एनएबी) के खिलाफ मानवाधिकारों के उल्लंघन के आरोप लगाए हैं। उन्होंने इमरान खान की सरकार पर एजेंसी का इस्तेमाल करके विपक्ष के आंदोलन को कमजोर करने का आरोप लगाया है। मांडवीवाला ने एनएबी पर गंभीर मानवाधिकारों के उल्लंघन का आरोप लगाया है और इसे अंतरराष्ट्रीय स्तर पर ब्लैकलिस्टेड संगठनों में शामिल कराने की बात कही है। 

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डॉन के अनुसार मांडवीवाला ने आरोप लगाया कि नैब की हिरासत में कई लोगों की या तो मौत हो गई या उससे नोटिस मिलने के बाद आत्महत्या कर ली। उन्होंने घोषणा की कि सीनेट अब देश के इतिहास में पहली बार एन को जवाबदेह ठहराएगा। उन्होंने कहा एनएबी के अधिकारी एक बेनामी लेनदेन मामले में मेरे खिलाफ जांच शुरू कर दी है। इसके अलाव देश के विभिन्न शहरों में पाकिस्तान डेमोक्रेटिक मूवमेंट (पीडीएम) की जनसभा के दौरान विपक्षी कार्यकर्ताओं पर सरकार 'कार्रवाई' कर रही है।

हमारे हिरासत में नहीं मरा है कोई- एनएबी ने कहा

दूसरी ओर, एनएबी ने दावा किया है कि कोई भी आरोपी कभी भी उसकी हिरासत में नहीं मरा है और वह बिना सबूत के उन पर लगाए गए आरोपों के खिलाफ कार्रवाई करेगा। इमरान खान ने पहले चेतावनी दी थी कि कार्यक्रम के आयोजकों के खिलाफ पुलिस मामले दर्ज किए जाएंगे। उन्होंने कहा, 'हम कुर्सीवाले से लेकर साउंड सिस्टम हैंडलर्स तक के खिलाफ एफआइआर दर्ज करेंगे, लेकिन उन्हें (विपक्षी नेताओं) को वहां जाने से नहीं रोका जाएगा।'

विपक्षी दलों ने सीनेट सचिवालय को नोटिस भेजा

डॉन के अनुसार इससे पहले, विपक्षी दलों ने 16 दिसंबर को सीनेट सचिवालय को एक नोटिस भेजा था, जिसमें संसद के ऊपरी सदन के सत्र में कई महत्वपूर्ण राजनीतिक मामलों को शामिल करने के लिए मांग की गई थी। इसमें एनएबी के खिलाफ मांडवीवाला का विशेषाधिकार प्रस्ताव भी शामिल था। सीनेट सचिवालय ने शनिवार को विपक्ष के अपेक्षित नोटिस को वापस कर दिया।


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