तालिबान द्वारा बंद की गई चमन सीमा पर पाक सुरक्षा बलों की अफगानों से भिड़ंत, एक की मौत
सैकड़ों अफगानी चमन सीमा पार करने के लिए पाकिस्तान की ओर जमा हुए थे लेकिन स्पिन बोल्डक इलाका फिलहाल तालिबान के नियंत्रण में है और वो किसी को भी सीमा पार करने की अनुमति नहीं दे रहे हैं। तालिबान अपनी मांगें पूरी कराने को पाकिस्तान पर जोर बना रहा है।
कराची, भाषा: बलूचिस्तान प्रांत में तालिबान द्वारा बंद की गई प्रमुख सीमा चमन, को पार करने की कोशिश कर रहे सैकड़ों अफगानियों के पाकिस्तानी सुरक्षाकर्मियों के साथ भिड़ंत का मामला सामने आया है। बताया जा रहा है कि, सभी सीमा पार कर के अफगानिस्तान में दाखिल होना चाह रहे थे।
सूत्रों के मुताबिक खबर है कि, सैकड़ों अफगान के लोग चमन सीमा को पार करने के लिए पाकिस्तान की ओर जमा हुए थे, लेकिन स्पिन बोल्डक इलाका फिलहाल तालिबान के नियंत्रण में है और वो किसी को भी सीमा पार करने की अनुमति नहीं दे रहे हैं। तालिबान अपनी कुछ मांगें पूरी कराने के लिए पाकिस्तान पर जोर बना रहा है।
आपको बता दें, तालिबानी आतंकवादियों ने पिछले सप्ताह से चमन-स्पिन बोल्डक क्रॉसिंग को बंद कर दिया है। उनकी मांग है कि, पाकिस्तान अफगानों के लिए वीजा-मुक्त यात्रा की अनुमति दें। तालिबान चाहता है कि पाकिस्तानी अधिकारी उन अफगानों को सीमा पार करने की अनुमति दें जिनके पास अफगान आईडी कार्ड या पाकिस्तान द्वारा जारी शरणार्थी पंजीकरण कार्ड है। सीमा बंद होने के परिणामस्वरूप, सैकड़ों अफगानी पाकिस्तान के ओर जमा है और सीमा खुलने का इंतजार कर रहे हैं। इस दौरान अक्सर चमन में सुरक्षा बलों के साथ उनकी बहस और संघर्ष के मामले भी सामने आ रहे हैं। यह सीमा दोनों देशों के बीच एक मुख्य व्यावसायिक मार्ग है।
मीडिया रिपोर्टों के अनुसार, गुरुवार को सीमा पर एक अफगान यात्री की दिल का दौरा पड़ने से मौत हो गई, वो वहां गर्मी में स्पिन बोल्डक में पार करने के लिए इंतजार कर रहा था। जिसके बाद तनाव को बढ़ते देख पाकिस्तानी सुरक्षा बलों को आंसू गैस के गोले दागने पड़े और प्रदर्शनकारियों को तितर-बितर करने के लिए लाठीचार्ज भी करना पड़ा। जानकारी के मुताबिक, चमन-स्पिन बोल्डक क्रॉसिंग दोनों पक्षों के लिए बहुत अधिक राजस्व उत्पन्न करती है। क्योंकि इस इलाके से प्रतिदिन लगभग 800 से 900 ट्रक वाणिज्यिक सामान, सब्जियां, फल आदि लेकर आते और जाते हैं।
गौरतलब है कि, तालिबान ने हाल के दिनों में एक दर्जन से अधिक प्रांतीय राजधानियों पर कब्जा कर लिया है और अब अमेरिका द्वारा अपने अंतिम सैनिकों को वापस लेने की योजना के कुछ हफ्ते पहले ही देश के दो-तिहाई से अधिक पर नियंत्रण हासिल कर लिया है। वहीं, करीब 20लाख अफगान शरणार्थी पाकिस्तान में रहते हैं, जो दशकों से चल रहे युद्ध के कारण अपना देश छोड़कर यहां रहने को मजबूर हैं।