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अब पाक पीएम इमरान ने भी किया ईशनिंदा के आरोपी लेक्चरर को सजा-ए-मौत का समर्थन

आमतौर पर मानवाधिकार की दुहाई देने वाले पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने भी अब ईशनिंदा के आरोपी लेक्चरर को सजा-ए-मौत देने का समर्थन किया है।

By Vinay TiwariEdited By: Published: Sun, 22 Dec 2019 03:51 PM (IST)Updated: Sun, 22 Dec 2019 03:51 PM (IST)
अब पाक पीएम इमरान ने भी किया ईशनिंदा के आरोपी लेक्चरर को सजा-ए-मौत का समर्थन
अब पाक पीएम इमरान ने भी किया ईशनिंदा के आरोपी लेक्चरर को सजा-ए-मौत का समर्थन

मुल्‍तान (पाकिस्‍तान), स्पेशल डेस्क। पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने भी अब ईशनिंदा के आरोपी लेक्चरर को सजा-ए-मौत दिए जाने का समर्थन किया है। एक कार्यक्रम में सार्वजिनक मंच से बोलते हुए उन्होंने कहा कि ऐसे लोगों को इस तरह की ही सजा मिलनी चाहिए। आमतौर पर मानवाधिकार की बात करने वाले इमरान खान ऐसे फैसलों का विरोध ही करते हैं मगर अब लेक्चरर को सजा-ए-मौत मिलने के बाद लोगों को उन पर भी अचंभा हो रहा है।

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मालूम हो कि पाकिस्‍तान की एक जिला एवं सत्र अदालत ने मुल्‍तान की बहाउद्दीन जकारिया यूनिवर्सिटी (Bahauddin Zakariya University) के एक लेक्‍चरर को ईश निंदा के आरोप में मौत की सजा सुनाई है। आरोपी का नाम जुनैद हाफिज है जो यूनिवर्सिटी में इंग्लिश लिट्रेचर विभाग (Department of English Literature) में बतौर अतिथि (visiting lecturer) लेक्‍चरर के तौर पर कार्यरत था। उसे ईश निंदा के आरोप में बीते 23 मार्च 2013 को गिरफ्तार किया गया था। 

पाकिस्‍तानी अखबार डॉन की रिपोर्ट के मुताबिक, अतिरिक्‍त सत्र न्‍यायाधीश काशिफ कयूम ने यह सजा सुनाई। अदालत की ओर से आरोपी जुनैद हाफिज पर पांच लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया गया है। यह सजा पाकिस्‍तान दंड संहिता (Pakistan Penal Code, PPC) की धारा- 295-C (Section 295-C) के तहत सुनाई गई है। हाफिज को मुल्‍तान की न्‍यू सेंट्रल जेल के उच्‍च सुरक्षा वाली सेंट्रल जेल (New Central Jail Multan) में रखा गया है। 

अदालत ने जुनैद हाफिज को कुछ अन्य धारों के तहत उम्रकैद एवं एक लाख रुपये जुर्माने की सजा भी सुनाई है। अदालत ने अपने फैसले में कहा है कि सभी सजाएं साथ चलेंगी और दोषी को धारा 382-B CrPC का लाभ नहीं मिलेगा। ऐसा इसलिए क्योंकि ईश निंदा कानून में रहम की इजाजत नहीं है। मौजूदा वक्‍त में यह मामला सुर्खियों में छा गया है। साल 2017 में हाफिज के पिछले वकील राशिद रहमान (Rashid Rehman) की उनके कार्यालय में गोली मारकर

हत्या कर दी गई थी। फैसला सुनाए जाने से पहले हाफ़िज के माता-पिता ने पूर्व मुख्य न्यायाधीश आसिफ सईद खोसा से इस मामले को देखने की अपील की थी। परिजनों ने न्‍यायाधीश खोसा से बेटे के लिए न्याय की गुहार लगाइ थी। जुनैद हाफिज के परिजनों का कहना है कि हाफिज को बीते छह साल से ईश निंदा के झूठे आरोपों में जेल में रखा गया है।

परिजनों ने पाकिस्‍तान के मुख्‍य न्‍यायाधीश को लिखे पत्र में कहा था कि कई न्यायाधीशों के तबादले, अभियोजन पक्ष के गवाहों में देरी और बचाव के लिए पर्याप्त कानूनी सहायता नहीं मिलने से मामले में न्याय नहीं मिल पाया है। पाकिस्‍तान में पहले भी ईश निंदा के मामले सुर्खियों में रहे हैं।  


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