पाक के नए पीएम की कश्मीर समेत सभी मुद्दे सुलझाने की अपील, सिद्धू को बताया शांति दूत
पीएम इमरान खान ने दोनों देशों के बीच हर समस्या के हल के लिए वार्ता को एकमात्र समाधान बताया।
इस्लामाबाद/चंडीगढ़(एजेंसी)। पाकिस्तान के नवनिर्वाचित प्रधानमंत्री इमरान खान ने भारत-पाकिस्तान के बीच शांति प्रक्रिया फिर शुरू करने की इच्छा जताई है। शनिवार को पीएम पद संभालने के बाद मंगलवार को उन्होंने ट्वीट कर कहा- 'दोनों देशों को कश्मीर समेत सभी मतभेदों को दूर करने के लिए बातचीत और व्यापार का आगाज करना चाहिए।' पूर्व क्रिकेटर इमरान ने अपने दोस्त व पंजाब के मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू की पाक यात्रा का बचाव करते हुए उन्हें शांति का दूत बताया।
पहली बार सीधी पेशकश
इमरान खान ने पदभार संभालने के बाद पहली बार भारत से बातचीत की सीधी पेशकश की है। उन्होंने कहा कि उपमहाद्वीप से गरीबी खत्म करने और लोगों का उत्थान करने का श्रेष्ठ तरीका बातचीत से मतभेद खत्म कर कारोबार शुरू करना है। अंग्रेजी व उर्दू में किए ट्वीट में इमरान ने लिखा- 'आगे बढ़ने के लिए पाकिस्तान और भारत को बातचीत अवश्य करना चाहिए तथा कश्मीर समेत अन्य मसलों पर टकराव खत्म करना चाहिए।' मालूम हो कि इससे पहले भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इमरान खान को पत्र लिखकर अच्छे पड़ोसी जैसे संबंध बनाने की वचनबद्धता दिखाई थी।
सिद्धू शांति के दूत
इमरान ने कहा- 'मैं सिद्धू को मेरे शपथ समारोह में पाकिस्तान आने के लिए धन्यवाद देना चाहता हूं। वह शांति के दूत बन कर आए और उन्हें पाकिस्तान के लोगों ने खूब प्यार व अपनत्व दिया। भारत में जो लोग उन्हें निशाना बना रहे हैं वे उपमहाद्वीप में शांति को गंभीर आघात पहुंचा रहे हैं। शांति के बगैर विकास नहीं हो सकता।'
जीत के बाद कहा था, वे एक कदम चलें, हम दो चलेंगे
इमरान खान ने पिछले माह हुए पाकिस्तान के आम चुनाव में अपनी पार्टी की जीत के दौरान भी भारत से रिश्ते सुधारने की मंशा जताई थी। उन्होंने कहा था, 'यदि वे एक कदम आगे ब़़ढाएंगे तो हम दो कदम चलेंगे, लेकिन हमें शुरआत तो करना होगी।'
द्विपक्षीय व्यापार गिरकर 2.28 अरब डॉलर रहा
वर्ष 2016-17 में भारत-पाक के बीच द्विपक्षीय व्यापार मामूली घटकर 2.28 अरब डॉलर (15,900 करोड़ रुपये) रहा था। इसमें पाकिस्तान को भारत से निर्यात 1.83 अरब डॉलर (12,800 करोड़ रुपये) और पाकिस्तान से भारत में आयात 45.63 करोड़ डॉलर (3,194 करोड़ रुपये) रहा था। आधिकारिक अाकड़ों के अनुसार पाकिस्तान से आयात में 2012-13 के बाद से लगातार गिरावट आई।
उस वर्ष यह 541.87 अरब डॉलर के स्तर को छू गया था। दोनों देशों के बीच अधिकृत व्यापार भारत के सकल विश्व व्यापार का मात्र 0.31 फीसदी है। भारत ने 1996 में पाक को व्यापार का सबसे पसंदीदा देश (एमएफएन) का दर्जा दिया था, जवाब में पाक कैबिनेट ने नवंबर 2011 में भारत को यह दर्जा दिया, लेकिन वह बेअसर रहा।
खटास भरे हैं रिश्ते नहीं हो रही वार्ता
दोनों देशों के बीच वर्तमान में रिश्ते खटास व तनावपूर्ण हैं। कोई द्विपक्षीय वार्ता नहीं हो रही है। पाकिस्तान स्थित आतंकी गुटों द्वारा 2016 में भारत में आतंकी हमलों के बाद संबंध तनावपूर्ण बने हुए हैं। भारतीय नागरिक कुलभूषण जाधव को पाक की सैन्य अदालत द्वारा पिछले साल अप्रैल में मृत्युदंड की सजा सुनाए जाने के बाद रिश्ते और बिगड़ गए हैं। सीमा पर रोज संघर्ष विराम का उल्लंघन हो रहा है और लोग मारे जा रहे हैं।
सिद्धू ने दी अटल-मोदी की पाकिस्तान यात्रा की दुहाई
इस्लामाबाद में पाक सेना प्रमुख कमर जावेद बाजवा से गले मिलने पर विवाद में आए पंजाब के मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू ने चंडीगढ़ में प्रेस कॉन्फ्रेंस की। उन्होंने सफाई देते हुए अटलजी व पीएम मोदी की पाक यात्रा की दुहाई दी। सिद्धू ने भाजपा पर दोहरे मानदंड अपनाने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा- 'पाक सेना प्रमुख से गले मिलना कोई राजनीतिक कदम नहीं बल्कि 'भावुक पल' था। भाजपा दोहरे मानक क्यों अपना रही है।
पूर्व पीएम अटल बिहारी वाजपेयी दोस्ती का संदेश लेकर पाक गए थे, उसके बाद कारगिल युद्ध हुआ और 527 भारतीय जवान शहीद हो गए। क्या आप उन्हें दोषी ठहराएंगे? फिर मोदी साहब बगैर किसी सरकारी न्योते के पाक गए और तत्कालीन पीएम नवाज शरीफ से गले मिले। क्या आप उन्हें देशभक्त नहीं मानेंगे?' मोदी की 2015 की पाक यात्रा का जिक्र कर सिद्धू ने यह बात कही। क्रिकेटर से नेता बने सिद्धू ने भाजपा से सवाल किया कि इमरान के पीएम मनोनीत होने के बाद इस्लामाबाद स्थित भारतीय उच्चायुक्त ने उन्हें बल्ला क्यों भेंट किया था?
भाजपा व कैप्टन ने की है निंदा
ज्ञात हो कि सिद्धू के पाक जनरल बाजवा से गले मिलने पर भाजपा व पंजाब के सीएम कैप्टन अमरिंदर सिंह ने कड़ी आलोचना की है। सिद्धू 18 अगस्त को इमरान खान की शपथ में भाग लेने इस्लामाबाद गए थे।
सिद्धू ने बताया गले मिलने का घटनाक्रम
सिद्धू ने गले मिलने का पूरा घटनाक्रम बताया कि इस्लामाबाद में हुए इमरान के शपथ समारोह में जनरल बाजवा ने मुझे अग्रिम पंक्ति में बैठा देखा तो उत्साह से मिले। इसके बाद उन्होंने मुझसे कहा कि वे भारत के डेरा बाबा नानक से करतारपुर साहिब तक कॉरिडोर खोलने के लिए प्रयास कर रहे हैं। सिद्धू ने कहा कि यह तब हो रहा है जब गुरनानक देवजी की 550 वीं जयंती मनाई जा रही है।
बाजवा द्वारा कही गई यह बात मेरे लिए एक भावुक क्षण था और परिणामस्वरूप वह उनसे गले मिले, इसे सबने देखा। इस संक्षिप्त मुलाकात के बाद बाजवा से मेरी कोई मुलाकात नहीं हुई। सिद्धू ने सवाल किया कि क्या उस पल मुझे उनकी ओर मुड़कर खड़ा हो जाना था? उन्होंने स्पष्ट किया कि मेरी पाक यात्रा कोई राजनीतिक नहीं थी, यह सिर्फ एक मित्र के गर्मजोशी भरे न्योते की प्रतिक्रिया थी।