पाक हिंदू सांसद ने भारत से किया आग्रह, तीर्थयात्रियों के प्रतिनिधिमंडल के लिए जारी किया जाए वीजा
पाकिस्तान हिंदू परिषद के संरक्षक और नेशनल असेंबली के सदस्य डा. रमेश कुमार वांकवानी ने सोमवार को कहा था कि वह 29 जनवरी को पाकिस्तान एयरलाइंस इंटरनेशनल (पीआइए) की एक विशेष चार्टर्ड उड़ान से भारत आने वाले पाकिस्तानी तीर्थयात्रियों के एक प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व करेंगे।
इस्लामाबाद, प्रेट्र। पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान की तहरीक-ए- इंसाफ पार्टी के एक हिंदू सांसद ने बुधवार को तीर्थयात्रियों के एक प्रतिनिधिमंडल को वीजा जारी करने का आग्रह भारत से किया है।
पाकिस्तान हिंदू परिषद के संरक्षक और नेशनल असेंबली के सदस्य डा. रमेश कुमार वांकवानी ने सोमवार को कहा था कि वह 29 जनवरी को पाकिस्तान एयरलाइंस इंटरनेशनल (पीआइए) की एक विशेष चार्टर्ड उड़ान से भारत आने वाले पाकिस्तानी तीर्थयात्रियों के एक प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व करेंगे। एक वीडियो संदेश में, उन्होंने कहा '170 तीर्थयात्रियों का एक समूह जो पीआइए की विशेष उड़ान से भारत जाने को तैयार है। उम्मीद है कि भारत से मंजूरी मिल जाएगी। मैंने आज भारतीय विदेश मंत्रालय को पत्र लिखकर भारत से आग्रह किया है कि 170 लोगों को तीर्थयात्रा वीजा जारी किया जाए।' भारत की ओर से प्रस्ताव पर कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है।
उन्होंने यह भी कहा कि तीर्थयात्री अजमेर शरीफ, जयपुर, आगरा, नई दिल्ली और हरिद्वार जाएंगे और फिर एक फरवरी को पीआईए की उड़ान से वापस उड़ान भरेंगे। उन्होंने कहा कि भारत से 170 श्रद्धालुओं का एक प्रतिनिधिमंडल 20 फरवरी को पाकिस्तान की यात्रा करेगा, उसके बाद एक मार्च को भारत से एक और प्रतिनिधिमंडल आएगा।
वंकवानी ने दावा किया कि एक जनवरी को भारत से एक प्रतिनिधिमंडल के पाकिस्तान आने के साथ एक जनवरी से धार्मिक पर्यटन की पहल हो चुकी है। उन्होंने कहा कि विश्वास पर्यटन पहल में द्विपक्षीय संबंधों को गहरा करने की क्षमता है और आने वाले दिनों में यह धार्मिक पर्यटन से व्यापार और यात्रा तक विस्तारित होगा और अंत में दोनों देशों के बीच संबंधों को बेहतर बनाने के लिए एक बड़े सेतु के रूप में काम करेगा।
इस्लामाबाद में राजनयिक सूत्रों ने पीटीआई को बताया कि भारत सरकार ने वांकवानी के प्रस्ताव पर औपचारिक रूप से सहमति नहीं दी है। कश्मीर मुद्दे को लेकर भारत और पाकिस्तान के बीच द्विपक्षीय संबंधों में खटास के बीच सूत्रों ने बताया, यह पूरी तरह से रमेश कुमार वंकवानी की एक निजी पहल है, लेकिन उन्हें भारत सरकार की सहमति की जरूरत है, जो अभी तक नहीं दी गई है।