पाक के पूर्व पीएम नवाज शरीफ के करीबी ने कहा, परवेज मुशर्रफ ने कराया था कारगिल युद्ध
पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज के नेता राशिद ने कहा कि शरीफ और भारतीय नेतृत्व कश्मीर मुद्दे पर चर्चा कर रहे थे। भारतीय नेतृत्व इसके समाधान के लिए तैयार था।
इस्लामाबाद, प्रेट्र। कश्मीर मुद्दे पर रास्ता नहीं तलाश पाने के लिए पाकिस्तान के पूर्व तानाशाह जनरल परवेज मुशर्रफ जिम्मेदार थे, क्योंकि सरकार की अनुमति के बगैर उन्होंने कारगिल युद्ध की शुरुआत कर दी थी। इस कारण भारत के साथ वार्ता टूट गई और नवाज शरीफ की सरकार गिर गई। तत्कालीन प्रधानमंत्री नवाज शरीफ के करीबी सहयोगी सीनेटर परवेज राशिद ने यह बात कही है।
पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज के नेता राशिद ने मीडिया से बातचीत में कहा कि शरीफ और भारतीय नेतृत्व कश्मीर मुद्दे पर चर्चा कर रहे थे। भारतीय नेतृत्व इसके समाधान के लिए तैयार था। लेकिन, मुशर्रफ ने वार्ता को तोड़ने और शरीफ सरकार को अपदस्थ करने के लिए कारगिल अभियान छेड़ दिया।
फिलहाल 75 वर्षीय मुशर्रफ दुबई में रहते हैं और 2007 में संविधान को निलंबित रखने के लिए देशद्रोह सहित कई आरोपों का सामना कर रहे हैं। पूर्व सैन्य शासक इलाज के लिए 2016 में संयुक्त अरब अमीरात रवाना हुए थे। तब से वह लौटे नहीं हैं। 1999 में कारगिल युद्ध के दौरान वह पाकिस्तान सेना के प्रमुख थे।
कारगिल अभियान को 'दुस्साहस' करार देते हुए उन्होंने कहा कि कश्मीरियों का खून बहने के जिम्मेदार जनरल मुशर्रफ हैं। कश्मीरियों की दुर्दशा का कारण मुशर्रफ हैं, क्योंकि उन्होंने इस मुद्दे का समाधान नहीं होने दिया। शरीफ के करीबी सहयोगी राशिद ने कहा कि अक्टूबर 1999 में शरीफ की सरकार को अपदस्थ करने से भी मुशर्रफ का बड़ा अपराध कारगिल युद्ध था।
राशिद ने मांग की है कि मुशर्रफ पर उनके अपराध और खासकर कश्मीरियों के प्रति अपराध के लिए मुकदमा चलाया जाए। सीनेटर ने दावा किया कि मुशर्रफ के इस दुस्साहस से पहले भारत के तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी लाहौर आए थे और पाकिस्तान की स्थापना को स्वीकार करने के लिए मीनार-ए-पाकिस्तान गए थे।
पाक सेना प्रमुख ने कश्मीर पर की शीर्ष जनरलों से चर्चा
पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी द्वारा कश्मीर के दो पृथकतावादियों को फोन किए जाने के बाद पड़ोसी देश की तरफ से एक और उकसावे की कार्रवाई की है। पाकिस्तान के सेना प्रमुख कमर अहमद बाजवा ने सोमवार को शीर्ष जनरलों के साथ बैठक कर कश्मीर मुद्दे पर चर्चा की। कश्मीर दिवस की पूर्व संध्या पर यह बैठक हुई है। पांच फरवरी को कश्मीर दिवस का आयोजन किया जाता है। भारत हमेशा से कहता रहा है कि कश्मीर उसका आंतरिक मामला है।