Citizenship Amendment Act: नागरिकता कानून से बढ़ी पाकिस्तान की बौखलाहट
प्रधानमंत्री इमरान खान को अल्पसंख्यकों की दशा सुधारने की भारत की नसीहत से पाकिस्तान की बौखलाहट बढ़ गई है।
इस्लामाबाद, प्रेट्र। पाकिस्तान को निशाने पर रखकर भारत में बदले गए नागरिकता कानून से पड़ोसी देश बौखला गया है। प्रधानमंत्री इमरान खान को अल्पसंख्यकों की दशा सुधारने की भारत की नसीहत से पाकिस्तान की बौखलाहट बढ़ गई है। इमरान ने भारत के नागरिकता संशोधन कानून को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के हिंदुओं की श्रेष्ठता साबित करने के एजेंडे का अंग बताया था।
इससे पहले मंगलवार को कहा था कि भारतीय संसद में पेश किया गया विधेयक अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार कानून और पाकिस्तान के साथ किए गए समझौतों का उल्लंघन है। यह आरएसएस की हिंदू राष्ट्र की परिकल्पना की ओर सरकार का बढ़ता कदम है। जवाब में भारत ने पाकिस्तानी प्रधानमंत्री के बयान को अनुचित और अस्वीकार्य करार दिया था। कहा था कि प्रधानमंत्री खान इस तरह की टिप्पणी करने की जगह अपने देश में अल्पसंख्यकों की दशा में सुधार करें।
भारतीय विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने कहा था कि पाकिस्तान को अपने बेरहम ईश निंदा कानून पर विचार करना चाहिए, फिर भारत के अंदरूनी मामले में दखल देना चाहिए। शुक्रवार को पाकिस्तानी विदेश विभाग ने भारतीय प्रवक्ता के बयान को खारिज किया। कहा कि भारत के भेदभावपूर्ण नए नागरिकता कानून का कई मानवाधिकार संगठनों और भारतीय राज्यों में विरोध हो रहा है। इस कानून का चरित्र मुस्लिम विरोधी है। इसमें पाकिस्तान और यहां की मुस्लिम आबादी पर गलत आरोप लगाए गए हैं। जबकि भारत में भाजपा सरकार आने के बाद से अल्पसंख्यकों खासतौर से मुस्लिमों की स्थिति में लगातार गिरावट आई है। इसे दुनिया भर से संगठनों ने महसूस किया है।
भारत के नागरिकता कानून पर संयुक्त राष्ट्र की नजर
संयुक्त राष्ट्र महासचिव अंतोनियो गुतेरस के प्रवक्ता ने बताया कि भारत के नागरिकता संशोधन कानून को लेकर उपजे हालात पर वह काफी नजदीक से नजर रख रहा है। उन्होंने कहा कि यूं तो इस वैश्विक निकाय के वैश्विक मानवाधिकार घोषणापत्र समेत कई मूलभूत सिद्धांत हैं, लेकिन इन्हें निरंतर आगे बढ़ाए जाने की जरूरत है। संयुक्त राष्ट्र महासचिव के उप प्रवक्ता फरहान हक ने संवाददाताओं से कहा कि वह भारतीय संसद में नागरिकता संशोधन बिल के पारित होने से वाकिफ हैं। वहां की जनता की नाराजगी से भी वह वाकिफ हैं। और वह इन चिंताओं पर नजर रखते हुए हालात का विश्लेषण कर रहे हैं। इस बीच रायटर के अनुसार, जिनेवा में संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार संगठन ने भारत में नए नागरिकता कानून पर चिंता जताई है। उसने इसे मुसलमानों के खिलाफ भेदभाव करने वाला बताया है।