पाकिस्तान को अखर गया जावेद और शबाना का ये बयान, जानें क्या कहा...
अहमद शाह ने कहा कि उनकी टिप्पणी किसी साहित्यकार के लिए उचित नहीं लगती है। उन्होंने कहा कि उनके फैसले से वह चकित हैं।
कराची [ एजेंसी ]। पाकिस्तान की कला परिषद के अध्यक्ष अहमद शाह ने जावेद अख्तर और शबाना आजमी के फैसले पर खेद व्यक्त किया है। अहमद शाह ने कहा कि उनकी टिप्पणी किसी साहित्यकार के लिए उचित नहीं लगती है। फल्मि समीक्षक ओमायर अलवी ने कहा कि शबाना और जावेद साहब को हमेशा प्रगतिशील लोगों के रूप में देखा जाता है, जिन्होंने भारत-पाकिस्तान संबंधों को बेहतर बनाने के लिए पुरजोर प्रयास किया है। उन्होंने कहा कि उनके फैसले से वह चकित हैं।
शुक्रवार को बॉलीवुड की मशहूर अभिनेत्री शबाना आजमी और उनके पति प्रसिद्ध गीतकार-लेखक जावेद अख्तर ने पुलवामा हमले के बाद पाकिस्तान का निमंत्रण ठुकरा दिया है। इसके पूर्व शबाना आज़मी और जावेद अख्तर ने इस महीने की शुरुआत में दो दिवसीय कार्यक्रम में भाग लेने के लिए शहर जाने की पुष्टि की थी।
इस बीच पाकिस्तानी सिनेमा, थियेटर मालिकों, वितरकों और प्रदर्शकों को यह भय सता रहा है कि इसका असर उनके फिल्म व्यवसाय पर भी पड़ेगा। जाने-माने भारतीय फिल्मों के वितरक और प्रदर्शक नदीम मंडीवाला ने कहा है कि जिस तरह से चीजें घटित हो रही हैं, उससे पाकिस्तानी फिल्मों पर रोक लगाई जा सकती है। उन्होंने कहा कि कुछ वर्ष पहले भी पाकिस्तान फिल्मों पर प्रतिबंध लगाया जा चुका है।
बता दें कि शबाना के पिता मशहूर शायर कैफी आजमी की जयंती विशेष पर कराची में आयोजित कार्यक्रम में दोनों शरीक होने नहीं जाएंगे। दोनों को कराची कला निगम की ओर से इस दो दिवसीय कार्यक्रम में बुलाया गया था। बता दें कि शबाना आजमी के पिता और जावेद अख्तर के ससुर कैफी आजमी मशहूर शायर रहे हैं। जावेद अख्तर ने ट्वीट कर लिखा कि कराची आर्ट काउंसिल ने शबाना और मुझे दो दिन पहले कैफी आजमी और उनकी कविताओं के बारे में होने वाले लिटरेटर कॉन्फ्रेंस में आमंत्रित किया था। हमने इसे रद्द कर दिया है। 1965 में इंडो पाक युद्ध के दौरान कैफी साहब ने एक कविता लिखी थी ''और फिर कृष्णा ने अर्जुन से कहा।
वहीं दूसरी ओर शबाना आजमी ने भी अपने ट्विटर एकाउंट पर लगातार इस संबंध में रिट्वीट किया है। दोनों के इस निर्णय की सराहना हो रही है। फॉलोअर्स उनके इस निर्णय के लिए सैल्यूट कर रहे हैं और आभार व्यक्त कर रहे हैं।