इमरान के खिलाफ विपक्ष का मोर्चा तैयार, मौलाना फजलुर्रहमान को बनाया गया पीडीएम का पहला प्रमुख
बैठक के संबंध में जानकारी देते हुए मोर्चे की संचालन समिति के संयोजक एहसन इकबाल ने बताया कि पूर्व प्रधानमंत्री शरीफ ने पीडीएम का प्रमुख बनाने के लिए रहमान के नाम का प्रस्ताव किया और पीपीपी अध्यक्ष बिलावल व अन्य ने उसका समर्थन किया।
इस्लामाबाद, प्रेट्र। पाकिस्तान में इमरान खान सरकार के खिलाफ विपक्ष का मोर्चा तैयार हो गया है। कट्टरपंथी नेता मौलाना फजलुर्रहमान को सर्वसम्मति से इस मोर्चे का सदर नामित किया गया। इस मोर्चे को पाकिस्तान डेमोक्रेटिक मूवमेंट (PDM) का नाम दिया गया है।
पीडीएम के गठन का फैसला शनिवार को हुई 11 विपक्षी दलों के नेताओं की वर्चुअल मीटिंग में लिया गया। इसमें पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज के प्रमुख व पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ, पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी के अध्यक्ष बिलावल भुट्टो जरदारी और बीएनपी प्रमुख सरदार अख्तर मेंगल ने प्रमुख रूप से हिस्सा लिया।
बैठक के संबंध में जानकारी देते हुए मोर्चे की संचालन समिति के संयोजक एहसन इकबाल ने बताया कि पूर्व प्रधानमंत्री शरीफ ने पीडीएम का प्रमुख बनाने के लिए रहमान के नाम का प्रस्ताव किया और पीपीपी अध्यक्ष बिलावल व अन्य ने उसका समर्थन किया। शरीफ ने रहमान को पीडीएम का स्थायी रूप से अध्यक्ष बनाने का विचार रखा लेकिन बिलावल और अवामी नेशनल पार्टी नेता आमिर हैदर होती ने इसका विरोध किया। कहा कि पीडीएम के अध्यक्ष पद की जिम्मेदारी बारी-बारी से अन्य दलों के नेताओं को भी मिलनी चाहिए। अध्यक्ष और अन्य पदों का कार्यकाल छह महीने से ज्यादा का नहीं होना चाहिए।
पीडीएम के लिए पहला चरण है सबसे महत्वपूर्ण
इस दौरान विपक्षी नेताओं के बीच तय हुआ कि मौलाना फजलुर्रहमान प्रथम चरण के आंदोलनों में मोर्चे की अगुआई करेंगे। यह सबसे महत्वपूर्ण चरण होगा। इसमें नेतृत्व के लिए मौलाना ही सबसे अच्छे रहेंगे। पीडीएम की पहली बैठक में तय हुआ कि सरकार के खिलाफ पहली जनसभा 11 अक्टूबर को क्वेटा में आयोजित होगी। विदित हो कि 2019 में मौलाना के नेतृत्व में ही इमरान सरकार के खिलाफ आजादी मार्च निकाला गया था।
गौरतलब है कि पिछले दिनों पाकिस्तान डेमोक्रेटिक मूवमेंट (पीडीएम) ने अक्टूबर से शुरू होने वाली एक कार्य योजना के तहत उन्होंने पाकिस्तान सरकार के खिलाफ तीन चरण के आंदोलन की घोषणा की थी। विपक्षी दलों के इस गठबंधन द्वारा दिसंबर में भारी विरोध प्रदर्शन की योजना है और जनवरी 2021 में इस्लामाबाद की ओर एक मार्च निकाला जाएगा।