'करतारपुर सीमा खोले जाने पर कोई प्रगति नहीं'
दोनों देशों के बीच बातचीत शुरू न होने की वजह से यह मसला भी लटका हुआ है।
By Vikas JangraEdited By: Published: Thu, 04 Oct 2018 11:25 PM (IST)Updated: Thu, 04 Oct 2018 11:25 PM (IST)
इस्लामाबाद [प्रेट्र]। पाकिस्तान स्थित सिख आस्था के केंद्र करतारपुर आने के लिए भारत से लगने वाली सीमा खोले जाने के मामले में फिलहाल कोई प्रगति नहीं हुई है। दोनों देशों के बीच बातचीत शुरू न होने की वजह से यह मसला भी लटका हुआ है।
इस मसले समेत सभी मामलों में बने गतिरोध को दूर करने के लिए दोनों देशों के बीच बातचीत शुरू होनी जरूरी है। यह बात पाकिस्तानी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता मुहम्मद फैसल ने कही है। प्रवक्ता ने कहा, पाकिस्तान अपने पड़ोसियों के साथ शांतिपूर्ण संबंधों के लिए केवल प्रयास कर सकता है।
करतारपुर के संबंध में उन्होंने कहा, वहां भारत से बातचीत के बगैर कुछ नहीं हो सकता है। पाकिस्तान इस सहित सभी मसलों पर भारत के साथ बातचीत को तैयार है। करतारपुर पाकिस्तान के पंजाब प्रांत के नारोवाल जिले में स्थित है।
यहां पर सिखों के पहले गुरु नानक देव ने सन 1522 में पवित्र गुरुद्वारे की स्थापना की थी। बाद में यहीं पर गुरु नानक देव ने अंतिम सांस ली। सिख समुदाय में इस गुरुद्वारे का खास महत्व है। करतारपुर साहिब गुरुद्वारा पाकिस्तान में रावी नदी के किनारे स्थित है।
इस मसले समेत सभी मामलों में बने गतिरोध को दूर करने के लिए दोनों देशों के बीच बातचीत शुरू होनी जरूरी है। यह बात पाकिस्तानी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता मुहम्मद फैसल ने कही है। प्रवक्ता ने कहा, पाकिस्तान अपने पड़ोसियों के साथ शांतिपूर्ण संबंधों के लिए केवल प्रयास कर सकता है।
करतारपुर के संबंध में उन्होंने कहा, वहां भारत से बातचीत के बगैर कुछ नहीं हो सकता है। पाकिस्तान इस सहित सभी मसलों पर भारत के साथ बातचीत को तैयार है। करतारपुर पाकिस्तान के पंजाब प्रांत के नारोवाल जिले में स्थित है।
यहां पर सिखों के पहले गुरु नानक देव ने सन 1522 में पवित्र गुरुद्वारे की स्थापना की थी। बाद में यहीं पर गुरु नानक देव ने अंतिम सांस ली। सिख समुदाय में इस गुरुद्वारे का खास महत्व है। करतारपुर साहिब गुरुद्वारा पाकिस्तान में रावी नदी के किनारे स्थित है।
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