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मुस्लिम देशों ने इमरान खान को दी नसीहत, प्रधानमंत्री मोदी के बारे में सभ्‍य लहजे में करें बात

दुनिया के प्रभावी मुस्लिम देशों ने पाकिस्‍तानी प्रधानमंत्री इमरान खान को नसीहत दी है कि अनाप शनाप बयानबाजियों का रास्‍ता छोड़कर भारत के साथ बैकडोर डिप्‍लोमेसी की पहल को शुरू करें।

By Krishna Bihari SinghEdited By: Published: Mon, 16 Sep 2019 03:05 PM (IST)Updated: Mon, 16 Sep 2019 04:47 PM (IST)
मुस्लिम देशों ने इमरान खान को दी नसीहत, प्रधानमंत्री मोदी के बारे में सभ्‍य लहजे में करें बात
मुस्लिम देशों ने इमरान खान को दी नसीहत, प्रधानमंत्री मोदी के बारे में सभ्‍य लहजे में करें बात

इस्‍लामाबाद, पीटीआइ। दुनिया के प्रभावी मुस्लिम देशों ने पाकिस्‍तान को दो टूक समझा दिया है कि वह अनाप शनाप बयानबाजियों का रास्‍ता छोड़कर भारत के साथ बैकडोर डिप्‍लोमेसी की पहल शुरू करे। इसके साथ ही पाकिस्‍तानी प्रधानमंत्री इमरान खान को भी यह नसीहत दी है कि वह भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ तल्‍ख बयानबाजियों से बाज आए और बातचीत के टोन को नीचे रखें ताकि दोनों देशों के बीच कश्‍मीर मसले को लेकर उपजे तनाव को कम किया जा सके। पाकिस्‍तानी अखबार 'द एक्‍सप्रेस ट्रिब्‍यून' ने अपनी रिपोर्ट में इसका खुलासा किया है।  

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रिपोर्ट में कहा गया है कि बीते तीन सितंबर को जब सऊदी अरब के विदेश मंत्री अदेल अल-जुबेर (Adel Al-Jubeir) एवं संयुक्‍त अरब अमीरात (UAE) के विदेश मंत्री अब्‍दुल्‍लाह बिन अल-नाहयान (Abdullah bin Al-Nahyan) ने इस्‍लामाबाद का दौरा किया था तो दोनों ने ही अपने अपने देशों के शीर्ष नेतृत्‍व के साथ कुछ अन्‍य शक्तिशाली मुस्लिम राष्‍ट्रों का संदेश पाकिस्‍तानी प्रधानमंत्री इमरान खान को सौंपा था। उक्‍त दोनों ही नेताओं ने इमरान खास से साफ शब्‍दों में कह दिया था कि वह भारत के साथ बैक डोर डिप्‍लोमेसी शुरू करें।

अदेल अल-जुबेर (Adel Al-Jubeir) और अब्‍दुल्‍लाह बिन अल-नाहयान (Abdullah bin Al-Nahyan) ने इमरान खान के साथ साथ पाकिस्‍तानी विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी और सेना प्रमुख जनरल कमर जावेद बाजवा से भी मुलाकात की थी। एक शीर्ष आधिकारिक सूत्र के हवाले से अखबार ने लिखा है कि नेताओं के बीच हुई उक्‍त बातचीत बेहद गोपनीय थी। इस बैठक में पाकिस्‍तान के विदेश मंत्रालय शीर्ष अधिकारियों को ही इजाजत दी गई थी। इस मुलाकात में दोनों ही नेताओं ने पाकिस्‍तानी हुक्‍मरानों को तनाव कम करने के लिए उकसावे वाली बयानबाजियों से बचने के लिए कहा था। 

अदेल अल-जुबेर और अब्‍दुल्‍लाह बिन अल-नाहयान ने बातचीत में भारत और पाकिस्‍तान के बीच आने वाले दिनों में तनाव कम होने की उम्‍मीद जताई थी। शीर्ष पाकिस्‍तानी अधिकारी ने अपना नाम गोपनीय रखने की शर्त पर अखबार को बताया कि मुस्लिम राष्‍ट्रों की ओर से दिए गए प्रस्‍ताव में दोनों देशों को कश्‍मीर मसले पर बैकडोर से बातचीत शुरू करने के लिए प्रोत्‍साहित किया गया है। हालांकि, पाकिस्‍तान ने मुस्लिम राष्‍ट्रों की नसीहतों को दरकिनार कर दिया है। आए दिन उसके नेता भारत के खिलाफ जहर उगलने और तनाव बढ़ाने का काम कर रहे हैं। 

अभी पिछले दिनों ही इमरान खान ने भारत के प्रधानमंत्री पर अनर्गल आरोप लगाए थे और भारत के खिलाफ एटमी वॉर की आशंका जताई थी। वहीं पाकिस्‍तानी विदेश मंत्रालय के प्रवक्‍ता मोहम्‍मद फैजल (Muhammad Faisal) ने कहा था कि भारत के साथ किसी तरह की बैकडोर डिप्‍लोमेसी नहीं हो रही है। यही नहीं माना यह भी जा रहा है कि 19 सितंबर से सऊदी अरब के दो दिवसीय दौरे पर जा रहे इमरान खान वहां कश्‍मीर का मसला जरूर उठाएंगे। सनद रहे कि बीते पांच अगस्‍त से सऊदी के क्राउन प्रिंस मोहम्‍मद बिन सलमान पाकिस्‍तानी प्रधानमंत्री से चार बार बातचीत कर चुके हैं। माना जा रहा है कि फोन पर की गई उक्‍त बातचीत में उन्‍होंने इमरान से तनाव कम करने के उपायों पर गौर करने की सलाह दी थी। 

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