UN में पाक के लिए शर्मिंदगी का कारण बनीं मलीहा लोधी को इमरान खान ने हटाया, मुनीर की हुई नियुक्ति
UN में पाकिस्तान के लिए कई बार शर्मिंदगी का कारण बनीं उनकी स्थायी प्रतिनिधि मलीहा लोधी को हटाया गया है। उनकी जगह मुनीर अकरम को नियुक्त किया गया है।
इस्लामाबाद, एएनआइ। संयुक्त राष्ट्र में पाकिस्तान के लिए कई बार शर्मिंदगी का कारण बनीं उनकी स्थायी प्रतिनिधि मलीहा लोधी हटा दिया गया है। उनकी जगह मुनीर अकरम को नियुक्त किया गया है। कुछ दिनों पहले मलीहा लोधी ने बोरिस जॉनसन को ब्रिटेन का विदेश मंत्री बता दिया था, जिससे उन्हें शर्मिंदगी झेलनी पड़ी। संयुक्त राष्ट्र में इमरान खान को अन्य देशों द्वारा किसी प्रकार का तबज्जो नहीं मिलने के बाद उन्हें हटाने का फैसला किया गया और पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय ने इसकी घोषणा की। इसे इमरान खान की भड़ास के रूप में भी देखा जा सकता है।
Munir Akram to replace Maleeha Lodhi as Pakistan's Permanent Representative to the United Nations. pic.twitter.com/riyvLfDRzQ
— ANI (@ANI) September 30, 2019
ट्वीट के लिए माफी मांगनी पड़ी
इमरान खान की अमेरिका यात्रा के दौरान मलीहा ने उनके पीएम और ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन की मुलाकात को लेकर एक फोटो ट्वीट किया। इसके फोटो कैप्शन में मलीहा लोधी ने लिखा कि प्रधानमंत्री इमरान खान ने आज सुबह ब्रिटने के विदेश मंत्री बोरिस जॉनसन से मुलाकात की। इसके कुछ देर बाद ही मलीहा लोधी को अपनी गलती का अहसास हुआ और उन्होंने ट्वीट डिलीट कर दिया। उन्होंने इसे लेकर एक दूसरा ट्वीट करते हुए पुराने ट्वीट के लिए माफी मांगी और लिखा कि उनसे टाइप करने में गलती हो गई।
UN में फिलिस्तीनी लड़की की फेक फोटो पेश की
इससे पहले उन्होंने संयुक्त राष्ट्र में भारत द्वारा कश्मीरियों के खिलाफ अत्याचार के सबूत के तौर पर एक 17 वर्षीय फिलिस्तीनी लड़की की फेक फोटो पेश की थी। जिसको लेकर उनकी आलोचना की गई थी। लोधी ने 2017 में संयुक्त राष्ट्र में तत्कालीन भारत की विदेश मंत्री सुषमा स्वराज के भाषण का जवाब देने के लिए राइट टू रिप्लाई का इस्तेमाल किया था। बाद में पाकिस्तान प्रतिनिधि की तरफ से झूठ फैलाए जाने को लेकर भारत ने कड़ी फटकार लगाई थी।
गौरतलब है कि संयुक्त राष्ट्र में पाकिस्तान की स्थाई प्रतिनिधि मलीहा लोधी फरवरी 2015 से थीं। मुनीर अकरम पहले भी 6 साल संयुक्त राष्ट्र में स्थाई प्रतिनिधि रह चुके हैं। गौरतलब है कि अमेरिका से वापस आने के बाद इमरान खान ने कबूला था कि कश्मीर मामले में उनका साथ देने वाला कोई नहीं है। संयुक्त राष्ट्र यूएन में दिए भाषण में उन्होंने मुस्लिम देशों को उकसाने की भी कोशिश की थी लेकिन वह नाकामयाब रहे।