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जबरन धर्मांतरण: नाबालिग आरजू को जबरन ईसाई से मुसलमान बनाए जाना पाक में 2020 की सबसे बड़ी खबर

आरजू को जबरन ईसाई से मुसलमान बनाने के घटनाक्रम ने पाकिस्तान में जबरन धर्मांतरण और बाल विवाह के अभिशाप पर लोगों को सोचने पर मजबूर कर दिया है। पाकिस्तानी प्रधानमंत्री इमरान खान की सरकार ने ऐसे मामलों को हमेशा से नजरअंदाज किया है।

By Bhupendra SinghEdited By: Published: Mon, 28 Dec 2020 09:19 PM (IST)Updated: Mon, 28 Dec 2020 09:19 PM (IST)
जबरन धर्मांतरण: नाबालिग आरजू को जबरन ईसाई से मुसलमान बनाए जाना पाक में 2020 की सबसे बड़ी खबर
नाबालिग आरजू को जबरन ईसाई से मुसलमान बनाए जाने की घटना ने पाकिस्तान की असलियत सबके सामने ला दी।

लाहौर, आइएएनएस। पाकिस्तान में हिंदू और ईसाई लड़कियों के जबरन धर्मांतरण की घटनाएं रोजमर्रा की बात हो चुकी है। चूंकि पाकिस्तानी प्रधानमंत्री इमरान खान की सरकार ने ऐसे मामलों को हमेशा से नजरअंदाज किया है। उलटा यह दावा भी करते रहे हैं कि उनके शासन में सभी धर्मों के लोगों को पूरी आजादी है, लेकिन हाल ही में ईसाई बच्ची 13 साल की आरजू रजा के अपहरण के बाद उसे जबरन इस्लाम कुबूल कराए जाने के बाद एक मुसलमान से उसका निकाह पढ़े जाने की घटना ने एक बार फिर पाकिस्तान की असलियत सबके सामने ला दी है।

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नाबालिग आरजू को जबरन ईसाई से मुसलमान बनाए जाना पाक में 2020 की सबसे बड़ी खबर

नाबालिग आरजू पर हुए जुल्म की चर्चा पाकिस्तानी मीडिया से लेकर इंटरनेट मीडिया तक है। पाकिस्तान में यह साल 2020 की सबसे बड़ी खबरों में से एक है। आरजू को जबरन ईसाई से मुसलमान बनाने के घटनाक्रम ने पाकिस्तान में जबरन धर्मांतरण और बाल विवाह के अभिशाप पर लोगों को सोचने पर मजबूर कर दिया है।

पाकिस्तानी अदालतों में सिख, ईसाई और हिंदू लड़कियों को न्याय नहीं मिलता 

पाकिस्तान में आरजू जैसी नाबालिग अल्पसंख्यक बच्चियों का जीवन कितने बड़े खतरे में है, यह उजागर हो चुका है। ऐसे भी बहुत से मामले हैं जो पाकिस्तानी अदालतों तक भी पहुंचते हैं, लेकिन वहां भी इन सिख, ईसाई और हिंदू लड़कियों को न्याय नहीं मिल पाता है।

पाकिस्तान में अल्पसंख्यक समुदाय असुरक्षित

नेहा परवेज नाम की एक युवती को 28 अप्रैल, 2019 को कराची के इत्तेहाद कस्बे से अगवा कर लिया गया था। वह भी तब नाबालिग थी जब उसका जबरन धर्मांतरण करके उसका निकाह इमरान नाम के मुसलमान से करा दिया गया। ऐसी घटनाएं बताती हैं कि पाकिस्तान में अल्पसंख्यक समुदाय कितना अधिक असुरक्षित है।


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