Azadi March: मौलाना ने ठुकराई सरकार से बातचीत, कहा- इस्तीफा दें और घर जाएं इमरान
Azadi March in Pakistan जमीय उलेमा-ए-इस्लाम के नेता फजलुर रहमान ने इमारान खान से दो कहा है कि वह इस्तीफा दें और घर जाएं अब बातचीत की कोई गुंजाइश नहीं बची है।
इस्लामाबाद, आइएएनएस। पाकिस्तान सरकार ने शुक्रवार को विपक्षी नेताओं और मौलाना फजलुर रहमान से धरना प्रदर्शन खत्म करने का आह्वान किया। वहीं पाकिस्तान के फायरब्रांड मौलाना एवं जमीय उलेमा-ए-इस्लाम के नेता फजलुर रहमान (Fazal-ur-Rehman) ने इमारान खान से दो टूक कह दिया है कि वह इस्तीफा दें और घर जाएं अब बातचीत की कोई गुंजाइश नहीं बची है। उन्होंने धरने पर बैठे आंदोलनकारियों को संबोधित करते हुए कहा कि सरकारी प्रतिनिधिमंडल को बिना सार्थक एजेंडे के बातचीत नहीं करनी चाहिए। यदि प्रतिधिमंडल को बातचीत के लिए आना है तो सबसे पहले उसे प्रधानमंत्री का इस्तीफा मांगना चाहिए।
मौलाना ने सेना के उस बयान का भी स्वागत किया जिसमें सेना के डीजी आइएसपीआर मेजर जनरल आसिफ गफूर ने कहा था कि सेना आम चुनाव और दूसरे सियासी मसलों पर निष्पक्ष है। उन्होंने यह भी आश्वस्त किया कि सेना इमरान खान की अगुआई वाली सरकार और विपक्ष के बीच आजादी मार्च खत्म करने के लिए मध्यस्थता नहीं करेगी। आजादी मार्च एक राजनीतिक गतिविधि है और सेना का इससे कोई लेना-देना नहीं है। गफूर ने कहा कि हम राष्ट्रीय सुरक्षा और रक्षा संबंधी मामलों में व्यस्त हैं और इन्हीं आरोपों का जवाब देना चाहते हैं।
बता दें कि मंगलवार को पाकिस्तान सरकार और विपक्षी नेताओं के बीच दूसरे दौर की बातचीत फेल हो गई थी। हालांकि, इससे पहले पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने अपने इस्तीफे को छोड़कर आजादी मार्च की सारी मांगे मान ली थी। वहीं आजादी मार्च में शामिल प्रदर्शनकारी इमरान खान के इस्तीफे की मांग पर अड़े हुए हैं और उनका आठवें दिन भी धरना जारी है। प्रदर्शनकारियों का आरोप है कि साल 2018 के आम चुनावों में बड़े पैमाने पर धांधली हुई थी। मौलाना ने साफ कर दिया है कि इमरान खान के पद छोड़ने तक आंदोलन वापस नहीं लिया जाएगा।
उधर, पाकिस्तानी प्रधानमंत्री इमरान खान ने आजादी मार्च खत्म कराने को लेकर तमाम उपायों को आजमा रहे हैं। एकओर वह बातचीत की पेशकश कर रहे हैं। दूसरी ओर चुनावी धांधली की जांच का भरोसा दे रहे हैं। बावजूद इसके मौलाना इमरान के किसी फेर में उलझना नहीं चाहते हैं। विपक्षी दल भी मौलाना के साथ ताल से ताल मिलाते नजर आ रहे हैं। पाकिस्तान में जुलाई 2018 में हुए चुनाव में कथित धांधली की जांच के लिए न्यायिक आयोग के गठन के लिए पीएम इमरान खान के नेतृत्व वाली सरकार के प्रस्ताव को विपक्षी दलों ने खारिज कर दिया। दूसरी ओर मौलाना ने कहा है कि हम आयोग के गठन के लिए हर प्रस्ताव को खारिज करते हैं।
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