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लेबनान के प्रधानमंत्री का बड़ा बयान- तख्‍ता पलट के बाद नवाज को छोड़कर की थी बड़ी गलती

नवाज शरीफ को लेकर दिए गए लेबनान पीएम के बयान ने विवाद पैदा कर दिया है। उन्‍होंने कहा कि तख्‍ता पलट के बाद नवाज को छोड़कर बड़ी गलती की थी।

By Kamal VermaEdited By: Published: Tue, 12 Feb 2019 01:02 PM (IST)Updated: Wed, 13 Feb 2019 09:25 AM (IST)
लेबनान के प्रधानमंत्री का बड़ा बयान- तख्‍ता पलट के बाद नवाज को छोड़कर की थी बड़ी गलती
लेबनान के प्रधानमंत्री का बड़ा बयान- तख्‍ता पलट के बाद नवाज को छोड़कर की थी बड़ी गलती

नई दिल्‍ली [जागरण स्‍पेशल]। लेबनान के प्रधानमंत्री साद हरिरी ने पाकिस्‍तान के पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ को लेकर बड़ा बयान दिया है। उन्‍होंने कहा कि परवेज मुशर्रफ द्वारा शरीफ का तख्‍ता पलट करने के बाद उन्‍हें छोड़ देना बड़ी भूल थी। उनके इस बयान ने पाकिस्‍तान की राजनीति में एक नए विवाद को जन्‍म दे दिया है। उनके इस बयान को पाकिस्‍तान के पूर्व तानाशाह, राष्‍ट्रपति और जनरल परवेज मुशर्रफ के समर्थन में भी देखा जा रहा है। हरिरी ने यह बयान पाक पीएम इमरान खान के साथ हुई बैठक में दिया है। इस बात की जानकारी पाकिस्‍तान के सूचना मंत्री फवाद चौधरी ने दी है। उनके मुताबिक ये बात दुबई में हुए वर्ल्‍ड गवर्नमेंट समिट में कही गई है। आपको बता दें कि तख्‍ता पलट के बाद नवाज शरीफ को मुशर्रफ ने विमान हाईजैक और आतंकी गतिविधि के आरोप में जेल में डाल दिया था। लेकिन बाद में नवाज को सऊदी अरब में देश निकाला दे दिया था।

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यहां पर ये बताना भी जरूरी होगा कि हरिरी उस वक्‍त सऊदी अरब के साथ हुए समझौते के दौरान नवाज के गारंटर के तौर पर सामने आए थे। शरीफ को वर्ष 2000 में पूरे परिवार के साथ सऊदी अरब भेज दिया गया था, जहां पर उन्‍हें शाही परिवार के मेहमान का दर्जा दिया गया था। हरिरी ने इमरान खान से हुई वार्ता में सीधेतौर पर नवाज शरीफ को मामले में माफी देने और उन्‍हें छोड़ देने को भारी गलती बताया। उनकी निगाह में नवाज अपने कहे किसी भी वादे को नहीं निभाया। इसकी वजह से उन्‍हें काफी शर्मिंदगी का सामना भी करना पड़ा।

पाकिस्‍तान के एक अंग्रेजी अखबार के मुताबिक वर्ष 2007 में जब नवाज ने स्‍वदेश वापसी की बात कही थी उस वक्‍त सऊदी अरब की खुफिया एजेंसी के प्रमुख ने रावलपिंडी में कहा था कि समझौते के मुताबिक वह दस वर्षों तक पाकिस्‍तान वापस नहीं आएंगे। लेकिन उस वक्‍त शरीफ ने मध्‍यस्‍थ को कहा था कि सऊदी अरब से उनका समझौता केवल पांच वर्षों के लिए ही था। इसके बाद वह लौटने को स्‍वतंत्र हैं। उस वक्‍त भी हरिरी ही इसके केंद्र में थे। सितंबर 2007 में जब नवाज ने वतन लौटने की कोशिश की थी तब उन्‍हें एयरपोर्ट से ही वापस जेद्दा भेज दिया गया था। वर्ष 2008 में उन्‍होंने फिर स्‍वदेश वापसी की सफल कोशिश की थी।

यहां पर आपको ये भी बता दें कि 48 वर्षीय हरिरी लेबनान के 38वें प्रधानमंत्री हैं। उनके पिता भी देश के प्रधानमंत्री रह चुके हैं। उनके पिता की 2005 में हत्‍या कर दी गई थी। खुद हरिरी 2009 से लेकर 2011 तक और फिर 2016 से अब तक देश के पीएम हैं। राजनीति में आने से पहले वह अपना घरेलू बिजनेस संभालते थे।

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