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जानें, अमेरिका-पाकिस्‍तान के संबंधों के बीच क्‍या हैं बड़ी दीवार, इमरान खान मधुर संबंधों के इच्‍छुक

दो प्रख्यात अमेरिकी विशेषज्ञों के अनुसार पाकिस्तान की अमेरिका से पहले की तरह मधुर संबंध की इच्छा तब तक पूरी नहीं हो सकती जब तक वह आतंकवाद पर अपनी नीतियों में बदलाव नहीं करता है। उसे चीन और भारत के साथ अपने संबंधों को भी दुरुस्त करना होगा।

By Ramesh MishraEdited By: Published: Fri, 02 Jul 2021 05:53 PM (IST)Updated: Fri, 02 Jul 2021 10:19 PM (IST)
जानें, अमेरिका-पाकिस्‍तान के संबंधों के बीच क्‍या हैं बड़ी दीवार, इमरान खान मधुर संबंधों के इच्‍छुक
अमेरिका-पाकिस्‍तान के मधुर संबंधों के बीच क्‍या हैं बड़े रोरे। फाइल फोटो।

वाशिंगटन, एजेंसी। दो प्रख्यात अमेरिकी विशेषज्ञों के अनुसार पाकिस्तान की अमेरिका से पहले की तरह मधुर संबंध की इच्छा तब तक पूरी नहीं हो सकती, जब तक वह आतंकवाद पर अपनी नीतियों में बदलाव नहीं करता है। इसके साथ ही उसे चीन और भारत के साथ अपने संबंधों को भी दुरुस्त करना होगा। व‍िशेषज्ञों का यह बयान ऐसे समय आया है जब न्‍ययॉर्क टाइम्‍स को दिए अपने साक्षात्‍कार में पाकिस्‍तान के प्रधानमंत्री इमरान खान कहा कि वह अमेरिका के साथ मधुर संबंध बनाने के इच्‍छुक हैं। अमेरिका के एक प्रमुख अखबार में दिए अपने एक साक्षात्‍कार में कही है। पाकिस्‍तान के सभी प्रमुख अखबरों ने उनके इस साक्षात्‍कार को प्रमुखता से प्रकाशित किया है।

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अमेरिका और पाक फिलहाल अफगानिस्तान और चीन के मुद्दों पर एकमत नहीं

अमेरिका की नेशनल सिक्योरिटी में पूर्व वरिष्ठ निदेशक लिसा कर्टिस ने एक सेमिनार में कहा कि रणनीतिक साझीदारों को रणनीतिक हितों में बदलाव करना होगा। अमेरिका और पाकिस्तान फिलहाल अफगानिस्तान और चीन के मुद्दों पर एकमत नहीं हैं। कर्टिस ने कहा कि अगर तालिबान को अफगानिस्तान में सत्ता हासिल नहीं होती है, तो हम अपने लक्ष्य में कामयाब है। लेकिन इससे वहां पाकिस्तान की आतंकी गतिविधियों में रुकावट आएगी। इसलिए वह इस प्रक्रिया के खिलाफ है।

अमेरिका के साथ नई बुनियादों पर संबंध बनाना चाहता है पाक

गौरतलब है कि हाल में अमेरिका से रिश्ते के बारे में पाकिस्‍तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने कहा था कि पाकिस्तान, अमेरिका के साथ नई बुनियादों पर संबंध बनाना चाहता है। उन्‍होंने कहा कि अमेरिका के साथ वह वैसा ही रिश्ता चाहते हैं, जैसा कि अमेरिका का ब्रिटेन के साथ रिश्ता है या भारत के साथ जैसा रिश्ता है। प्रधानमंत्री इमरान ने कहा कि अमेरिका और पाकिस्तान के संबंधों में एक दूसरे के बीच विश्वास की बड़ी कमी थी, क्योंकि आम पाकिस्तानी को लगता था कि पाकिस्तान ने इसकी भारी कीमत चुकाई है। अमेरिका को लगता था कि पाकिस्तान ने अमेरिका के लिए उतना नहीं किया जितना उसे करना चाहिए था।

इमरान ने बताया कि भारत से क्‍यों नहीं बेहतर हैं संबंध

इस साक्षात्‍कार में इमरान खान ने कहा कि भारत में नरेंद्र मोदी के अलावा यदि किसी और की सरकार होती तो भारत के साथ संबंध बेहतर होते। उन्‍होंने कहा कि हुकूमत में आने के बाद उन्होंने भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से संपर्क किया था। उन्‍होंने कहा कि मैंने उस वक्‍त उनसे कहा था कि उनका सत्ता में आने का एक ही मकसद है क‍ि पाकिस्तान से गरीबी को दूर करना है। उन्‍होंने कहा कि इसके लिए जरूरी है कि भारत और पाकिस्तान के बीच सामान्य और व्यवसायिक रिश्ते हों, इससे दोनों देशों को लाभ होगा। पाक‍िस्‍तानी पीएम ने कहा कि मोदी की आरएसएस की विचारधारा एक बाधा है। इसके चलते दोनों देशों के बीच संबंधों बेहतर नहीं हो सके। उन्‍होंने जोर देकर कहा कि भारत में मोदी के अलावा किसी और की हुकूमत होती तो वार्ता के जरिए सभी मसले हल कर लेते। इसी साक्षात्‍कार में इमरान ने कहा था कि अगर कश्‍मीर समस्‍या का समाधान निकल जाए तो पाक को परमाणु हथियारों की आवश्‍यकता ही नहीं है।


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