इमरान सरकार के खिलाफ हमलावर हुई विरोधी पार्टियां, जमात-ए-इस्लामी भी मंहगाई के विरोध में करेगी लंबा मार्च
पाकिस्तान की इस्लामी राजनीतिक पार्टी जमात-ए-इस्लामी (जेआई) ने घोषणा की है कि वह देश में चीजों की बढ़ती कीमतों और मंहगाई के चलते मार्च में इस्लामाबाद में लंबा मार्च करेगी। पीडीएम ने 23 मार्च को पाकिस्तान दिवस के अवसर पर इस्लामाबाद में महंगाई के विरोधी में लंबा मार्च आयोजित करेगा।
इस्लामाबाद, एएनआइ। पाकिस्तान की इस्लामी राजनीतिक पार्टी जमात-ए-इस्लामी (जेआई) ने घोषणा की है कि वह देश में चीजों की बढ़ती कीमतों और मंहगाई के चलते मार्च में इस्लामाबाद में लंबा मार्च करेगी। पाकिस्तान के अखबार डान ने बताया कि जेआई के महासचिव अमीरुल अजीम ने कहा कि पार्टी ने 6 फरवरी से तहसील, जिला और प्रांतीय स्तर पर सरकार विरोधी लंबी रैली निकालने का फैसला किया है। यह विरोध प्रदर्शन मार्च महीने में राजधानी शहर इस्लामाबाद में खत्म होगा। उन्होंने कहा कि पार्टी ने विरोध अभियान की योजना पहले ही बना ली है। इसके दौरान देश के विभिन्न हिस्सों में 101 धरना प्रदर्शन किया जाएगा।
पाकिस्तान दिवस पर आयोजित होगा लंबा मार्च
यह घोषणा विपक्षी दलों के गठबंधन पाकिस्तान डेमोक्रेटिक मूवमेंट (पीडीएम) के एक दिन बाद हुई है, जिसने घोषणा की थी कि वह 23 मार्च को पाकिस्तान दिवस के अवसर पर इस्लामाबाद में महंगाई के विरोधी में लंबा मार्च आयोजित करेगा। जमीयत उलेमा-ए-इस्लाम-फजल के प्रमुख पीडीएम अध्यक्ष मौलाना फजलुर रहमान ने मंगलवार को एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए मार्च की घोषणा की थी। एक अन्य विपक्षी पार्टी पीपीपी ने भी 27 फरवरी को सिंध से इस्लामाबाद तक एक लंबा मार्च निकालने का आह्वान किया है। फजलुर रहमान ने पीपीपी द्वारा अपना लंबा मार्च निकालने के फैसले पर नाराजगी व्यक्त की थी।
इमरान खान ने विपक्षी दलों को दी चेतावनी
पिछले हफ्ते पीपीपी के अध्यक्ष बिलावल भुट्टो-जरदारी ने कहा था कि उनका मानना है कि अलग-अलग लंबे मार्च इमरान खान सरकार के लिए और मुश्किलें पैदा करेंगे। इस बीच पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने पिछले हफ्ते विपक्षी दलों को चेतावनी दी थी कि अगर वे उन्हें पद छोड़ने के लिए मजबूर करते हैं तो वह और अधिक खतरनाक होंगे। उन्होंने उन्हें कोई रियायत देने से इंकार कर दिया था। प्रधानमंत्री इणरान खान ने पीडीएम लान्ग मार्च के बारे में एक सवाल का जवाब देते हुए कहा कि विपक्षी दलों का यह कदम विफल हो जाएगा।