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शरारती पाक ने मां-पत्नी से कुलभूषण की मुलाकात को वीडियो कांफ्रेंसिंग में बदला

भले ही कुलभूषण जाधव की मां और पत्नी से उनके संपर्क-संवाद को मुलाकात बताया जा रहा हो, लेकिन वह एक वीडियो कांफ्रेंसिंग से ज्यादा और कुछ नहीं रही।

By Digpal SinghEdited By: Published: Mon, 25 Dec 2017 05:02 PM (IST)Updated: Tue, 26 Dec 2017 11:46 AM (IST)
शरारती पाक ने मां-पत्नी से कुलभूषण की मुलाकात को वीडियो कांफ्रेंसिंग में बदला

नई दिल्ली, [जेएनएन]। कथित तौर पर मानवीय आधार पर कुलभूषण जाधव को मां और पत्नी से मुलाकात की इजाजत देने वाला पाकिस्तान इस मौके पर भी शरारत से बाज नहीं आया। उसने इस मुलाकत को एक तमाशे और अपने प्रोपेगंडा में तब्दील कर दिया। भले ही कुलभूषण की मां और पत्नी से उनके संपर्क-संवाद को मुलाकात बताया जा रहा हो, लेकिन वह एक वीडियो कांफ्रेंसिंग से ज्यादा और कुछ नहीं रही।

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ऊधर कुलभूषण, इधर मां-पत्नी, बीच में कांच की दीवार

पाकिस्तानी अफसरों ने मुलाकात के दौरान ऐसी व्यवस्था की ताकि कुलभूषण की मां और पत्नी उन्हें शीशे की दीवार के पार से ही देख सकें और बात भी माइक और स्पीकर के जरिए कर सकें। पाकिस्तान की ऐसी हरकत के बाद ऐसे सवाल उठ रहे हैं कि आखिर यह मुलाकात थी या वीडियो कांफ्रेंसिंग? इसी तरह, यह मानवीय है या अमानवीय कि मौत की सजा पाए किसी शख्स को 21-22 माह बाद उसकी मां और पत्नी से मुलाकात के दौरान उनके बीच शीशे की दीवार खड़ी कर दी जाए? शीशे की इस दीवार के चलते कुलभूषण की मां और पत्नी उन्हें स्पर्श करना तो दूर रहा, उन्हें चलते-फिरते हुए भी नहीं देख सकीं।

सवाल तो और भी हैं...

मुलाकात के दौरान कुलभूषण बस एक कुर्सी पर ही बैठे दिखे। इसके चलते यह कहना कठिन है कि कुलभूषण चलने-फिरने में सक्षम हैं या नहीं? जानकारों के मुताबिक अगर पाकिस्तान को मुलाकात के दौरान यही तमाशा करना था तो फिर वह कुलभूषण की मां और पत्नी को पाकिस्तान आने की इजाजत देने के बजाय उनकी वीडियो कांफ्रेंसिंग ही करा देता, क्योंकि यह मुलाकात तो इससे अधिक और कुछ है ही नहीं। 

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हालांकि इस मुलाकात के दौरान पाकिस्तान स्थित भारतीय उच्चायोग के एक अफसर को वहां मौजूद रहने की इजाजत दी गई थी, लेकिन वह भी दूर से ही इस मुलाकात को निहार सके। यह मुलाकात 35 मिनट ही चली। एक खराब बात यह भी रही कि मुलाकात के दौरान पाकिस्तानी अफसर कुलभूषण की मां और पत्नी के पास ही खड़े दिखे। इस मुलाकात की वीडियोग्राफी भी की गई। इस मुलाकात की जो फोटो पाकिस्तान विदेश मंत्रालय ने जारी की हैं, उनसे ऐसा लगता है कि कुलभूषण को अब भी प्रताड़ित किया जा रहा है।

पाकिस्तान ने कराई अपनी जग-हंसाई

जानकारों के अनुसार पाकिस्तान का मकसद कुलभूषण के प्रति नरम रवैया अपनाना नहीं, बल्कि दुनिया को यह दिखाना था कि कथित भारतीय जासूस के प्रति उसने मानवीय रवैया अपनाया। लेकिन बीच में कांच की दीवार खड़ी करके पाकिस्तान ने अपनी ही जग-हंसाई करवा ली है। प्रश्न पूछे जा रहे हैं कि जब आमने-सामने मुलाकात करानी ही नहीं थी तो फिर इतने बड़े ड्रामे की क्या जरूरत थी। वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग तो भारत से भी हो सकती थी।

अब क्या करेगा पाकिस्तान

पाकिस्तान की एक सैन्य अदालत ने कुलभूषण जाधव को फांसी की सजा सुनाई है। भारत इस मुद्दे को अंतरराष्ट्रीय अदालत में लेकर गया है। अदालत ने पाकिस्तान को सुझाव दिया है कि जब तक उसका फैसला नहीं आता तब तक जाधव को फांसी न दी जाए। हालांकि पाकिस्तान जिस तरह से कुलभूषण को फांसी देने पर आमादा है वह ICJ के फैसले को मानने के लिए बाध्यकारी नहीं है।

कहीं सरबजीत की तरह न हो...

कुलभूषण जाधव का मामला बार-बार सरबजीत मामले की याद दिला देता है। एक वक्त ऐसा भी आया था जब सरबजीत के छूटने की उम्मीदें जगने लगी थीं। लेकिन फिर एक दिन खबर आयी कि कैदियों की आपसी लड़ाई में सरबजीत की मौत हो गई है। पाकिस्तान कुलभूषण जाधव को छोड़ने के लिए कतई तैयार नहीं है, ऐसे में अंतरराष्ट्रीय दबाव से पार पाने के लिए कहीं पाकिस्तानी जेल में कुलभूषण के साथ भी ऐसा ही न हो।

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