Move to Jagran APP

इंटरपोल ने पाकिस्तान की इस मांग को ठुकराया, कहा सियासी मामलों में नहीं करेेगा हस्तक्षेप

मुशर्रफ पर यह मामला साल 2007 में पाकिस्तान पर आपातकाल थोपने के लिए चलाया जा रहा है, मौजूदा समय वो दुबई में रह रहे हैं।

By Ravindra Pratap SingEdited By: Published: Wed, 29 Aug 2018 05:58 PM (IST)Updated: Thu, 30 Aug 2018 08:23 AM (IST)
इंटरपोल ने पाकिस्तान की इस मांग को ठुकराया, कहा सियासी मामलों में नहीं करेेगा हस्तक्षेप
इंटरपोल ने पाकिस्तान की इस मांग को ठुकराया, कहा सियासी मामलों में नहीं करेेगा हस्तक्षेप

इस्लामाबाद, प्रेट्र। पाकिस्तान की सरकार ने बुधवार को एक विशेष अदालत को बताया कि इंटरपोल ने पूर्व सैन्य शासक परवेज मुशर्रफ को गिरफ्तार करने का आग्रह ठुकरा दिया है। इंटरपोल का कहना है कि वह सियासी मामलों में नहीं पड़ना चाहता। अंतरराष्ट्रीय पुलिस संगठन से देशद्रोह मामले में मुशर्रफ की गिरफ्तारी का आग्रह किया गया था। मुशर्रफ पर यह मामला साल 2007 में पाकिस्तान पर आपातकाल थोपने के लिए चलाया जा रहा है। वह इस समय दुबई में रह रहे हैं।

loksabha election banner

इस्लामाबाद की विशेष अदालत में मुशर्रफ के खिलाफ देशद्रोह मामले की सुनवाई फिर से शुरू होने पर सरकार ने यह जवाब दाखिल किया। गृह मंत्रालय ने कोर्ट को बताया कि 72 वर्षीय मुशर्रफ को मुल्क वापस लाने के प्रयास के तहत इंटरपोल से रेड कार्नर नोटिस जारी करने का आग्रह किया गया था, लेकिन इंटरपोल ने इस जवाब के साथ पत्र को लौटा दिया कि वह राजनीतिक मामलों में हस्तक्षेप नहीं करेगा।

विशेष अदालत ने मुशर्रफ की गिरफ्तारी नहीं होने पर 20 अगस्त को गृह सचिव को समन भेजा था। इसमें पूछा गया था कि कई बार गैर जमानती वारंट जारी होने के बावजूद मुशर्रफ की गिरफ्तारी क्यों नहीं हुई?

पाकिस्तान में इमरजेंसी के दोषी साबित हुए थे मुशर्रफ
आपको बता दें कि 74 वर्षीय परवेज मुशर्रफ को साल 2007 में देश में आपातकाल लगाने के लिए मार्च 2014 में राष्ट्रद्रोह के आरोपों में दोषी करार दिया गया था। देश में आपातकाल लगाने के बाद कई वरिष्ठ न्यायाधीशों को उनके घरों में नजरबंद कर दिया गया था और 100 से अधिक जजों को बर्खास्त कर दिया गया था।

पाकिस्तान की विशेष अदालत ने भगोड़ा घोषित किया 
मुशर्रफ 18 मार्च, 2016 को इलाज के लिए दुबई चले गए थे। कुछ महीने बाद विशेष अदालत ने उन्हें भगोड़ा अपराधी घोषित कर दिया था। साथ ही अदालत में पेश नहीं होने के कारण उनकी संपत्ति जब्त करने का आदेश भी दिया था। अदालत ने मार्च में आदेश दिया था कि संघीय सरकार उनके राष्ट्रीय पहचान पत्र और पासपोर्ट को निलंबित कर दे।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.