न्योता न मिलने पर पाक ने बनाया बहाना- 'इमरान को न बुलाना भारत की मजबूरी'
पाक ने बड़ी चालाकी से सफाई देते हुए कहा है कि प्रधानमंत्री इमरान खान को न बुलाना भारत की मजबूरी है क्योंकि मोदी की जीत ही एंटी पाक कार्ड से हुई है
नई दिल्ली, एजेंसी। लोकसभा चुनाव 2019 में जीत हासिल करने वाले नरेंद्र मोदी के शपथ ग्रहण समारोह में इस बार पाकिस्तान को आमंत्रित नहीं किया गया है। इसके लिए पाकिस्तान ने बड़ी चालाकी से सफाई दी और भारत के सिर ही ठीकरा फोड़ते हुए कहा कि वहां की आंतरिक राजनीति मोदी को ऐसा करने से रोक रही है।
पाकिस्तानी विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने कहा, ‘पाक विरोधी कार्ड पर ही नरेंद्र मोदी ने चुनाव जीता और अब उनके लिए तुरंत पाक को आमंत्रित करना अपनी बात से मुकरना होगा जो संभव नहीं इसलिए ही उन्होंने पाकिस्तानी प्रधानमंत्री इमरान खान को न्योता नहीं भेजा है।’
निजी टीवी चैनल से बात करते हुए विदेश मंत्री कुरैशी ने कहा नरेंद्र मोदी ने पाक विरोधी कार्ड पर राष्ट्रवाद का दावा करते हुए चुनाव लड़ा। उन्होंने आगे कहा कि इसलिए ही मोदी को तुरंत अपने बात से मुकरना संभव नहीं क्योंकि विपक्ष से उनकी निंदा और आलोचना शुरू हो जाएगी। कुरैशी ने इसके लिए उदाहरण देते हुए कहा कि पेंडुलम को एक ओर जाने के बाद दोबारा आने में समय लगता है।
कुरैशी ने आगे कहा कि इमरान ने मोदी को फोन कर जीत की बधाई दी इसमें कुछ नया नहीं है। बीते साल जब इमरान खान ने पाकिस्तान में चुनाव जीता था तो मोदी ने भी फोन पर और बाद में एक पत्र के जरिए बधाई दी थी।
कुरैशी ने कहा कि शपथग्रहण समारोह में जाना कोई मुद्दा नहीं है, बेहतर है कि कश्मीर, सियाचिन और सर क्रीक जैसे विवादों पर कोई बातचीत आगे बढ़ें। उन्होंने कहा कि अगर मोदी दक्षिण एशिया में विकास चाहते हैं तो उन्हें पाकिस्तान के साथ मिलकर बातचीत से इन मुद्दों का हल निकालना होगा। कुरैशी ने ये भी दावा किया कि अब दुनिया जानती है कि पुलवामा आतंकी हमले में पाकिस्तान का हाथ नहीं था। कुरैशी का कहना है कि भारत ने इस हमले के लिए पाकिस्तान को दोषी बताया है जिसे अभी तक साबित नहीं किया जा सका है।
नरेंद्र मोदी के शपथ ग्रहण की जानकारी राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के ऑफिशियल अकाउंट से अधिसूचना जारी कर दी गई है। सूचना के मुताबिक राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद नरेंद्र मोदी को 30 मई की शाम 7 बजे राष्ट्रपति भवन में प्रधानमंत्री पद की गोपनीयता की शपथ दिलाएंगे। इस दौरान प्रधानमंत्री के मंत्रिपरिषद के सहयोगियों को भी शपथ दिलाई जाएगी।
बता दें कि बालाकोट सर्जिकल स्ट्राइक के बावजूद ओआईसी ने पहली बार भारत को अपनी बैठक में आमंत्रित किया था। इसके विरोध में पाकिस्तान ने इस बैठक का बहिष्कार किया था। 2014 में मोदी सरकार के शपथ ग्रहण समारोह में पाकिस्तान सहित सार्क देशों के राष्ट्राध्यक्ष शामिल हुए थे। उस वक्त पाकिस्तान के तत्कालीन प्रधानमंत्री नवाज शरीफ शामिल हुए थे।
वाराणसी से चुनाव लड़ने वाले नरेंद्र मोदी ने पिछले चुनाव में आम आदमी पार्टी के उम्मीदवार अरविंद केजरीवाल को 3.72 लाख वोटों से हराया था। जबकि इस बार उन्होंने गठबंधन प्रत्याशी शालिनी यादव को 4.79 लाख वोटों के अंतर से शिकस्त दी।
इस बार केंद्र सरकार ने नरेंद्र मोदी के शपथ समारोह में बिम्सटेक देशों के प्रमुखों को आमंत्रित किया है। बिम्सटेक देशों के प्रमुख, जिनमें बांग्लादेश, म्यांमार, श्रीलंका, थाईलैंड, नेपाल और भूटान शामिल हैं।
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