पाक में हिंदुओं के घर ध्वस्त करने पर भारत ने जताई कड़ी आपत्ति, जानिए क्या है पूरा मामला
पाकिस्तान के पंजाब प्रांत में अल्पसंख्यक हिंदू समुदाय के घरों को व्यवस्थित और लक्षित तरीके से ध्वस्त कर दिया गया।
नई दिल्ली, एएनआइ। पाकिस्तान के पंजाब प्रांत में अल्पसंख्यक हिंदू समुदाय के घरों को 'व्यवस्थित और लक्षित' तरीके से ध्वस्त करने पर भारत ने मंगलवार को नई दिल्ली में पाकिस्तानी उच्चायुक्त के समक्ष कड़ी आपत्ति व्यक्त की।
धार्मिक और जातीय अल्पसंख्यकों को बनाया जा रहा निशाना
एक सूत्र ने बताया कि पाकिस्तान में धार्मिक और जातीय अल्पसंख्यकों को निशाना बनाए जाने और लगातार उनके उत्पीड़न पर भारत में सिविल सोसायटी ने गहरी चिंता और आक्रोश व्यक्त किया था। उन्होंने ऐसी घटनाओं की कड़ी निंदा भी थी जिसमें सरकारी अधिकारियों ने अल्पसंख्यक हिंदू समुदाय को निशाना बनाया जबकि कब्जेदारों ने स्वामित्व और ध्वस्तीकरण के खिलाफ मिली कानूनी राहत के वैध दस्तावेज दिखाए थे।
25 घरों को पूरी तरह और 10 अन्य को आंशिक रूप से ध्वस्त किया गया
एक बयान के मुताबिक, 'एक स्वतंत्र तथ्यान्वेषी मिशन के बाद पाकिस्तान के मानवाधिकार आयोग ने पाया कि यजमन (बहावलपुर जिला) में स्थानीय अधिकारी चक 52/डीबी में हिंदू समुदाय के घरों को ध्वस्त करने के लिए जिम्मेदार थे। यह ध्वस्तीकरण इस तथ्य के बावजूद किया गया कि हिंदू समुदाय ने (धमकी मिलने के बाद ऐसी कार्रवाई की आशंका से) कई मौकों पर बहावलपुर के वरिष्ठ सिविल जज के समक्ष ऐसी किसी कार्रवाई को रोकने के लिए आदेश जारी करने की मांग संबंधी याचिका दाखिल की थी। 20 मई, 2020 को रोक का आदेश जारी होने के बावजूद 25 घरों को पूरी तरह और 10 अन्य को आंशिक रूप से ध्वस्त कर दिया गया और बच्चों समेत उनके कब्जेदारों को निराश्रित कर दिया।'
पाकिस्तान में अल्पसंख्यकों ने किया धर्म परिवर्तन
इस्लामाबाद, एएनआइ। पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा प्रांत में ईसाई अल्पसंख्यक समुदाय के दो भाइयों के धर्म परिवर्तन का मामला प्रकाश में आया है। स्थानीय मीडिया के अनुसार, सत्तार युसूफ मसीह और वारिस युसूफ मसीह नाम के दोनों भाइयों ने शनिवार को इस्लाम धर्म कुबूल किया। पाकिस्तान के पंजाब प्रांत के रहने वाले दोनों भाई फिलहाल खैबर पख्तूनख्वा प्रांत के डोगरा इलाके में एक क्वारंटाइन सेंटर में काम कर रहे हैं। धर्म परिवर्तन के बाद इनका नाम अब्दुल वारिस और अब्दुल सत्तार रखा गया है।
दोनों ने बताया कि यह परिवर्तन उसने अपनी मर्जी से की है। पाकिस्तान में हिंदू व ईसाई अल्पसंख्यक समुदाय के लोगों को जबरन इस्लाम कुबूल कराने के मामले लगातार सामने आते रहे हैं। कट्टरपंथी ताकतों के इशारे पर इन समुदायों की लड़कियों को अगवा कर जबरन निकाह कर दिया जाता है। ज्ञात हो कि संयुक्त राष्ट्र (यूएन) का भी मानना है कि पाकिस्तान में धार्मिक स्वतंत्रता की स्थिति लगातार खराब हो रही है।