करतारपुर कॉरिडोर को लेकर इन प्रमुख मुद्दों पर भारत-पाक के बीच बनी सहमति
Kartarpur Corridor के मसले पर दोनों पक्षों के बीच लाहौर में हुई बैठक के दौरान इस संबंध में चर्चा हुई थी। यात्रा की शुरुआत में भारतीय नागरिकों को कॉरिडोर कार्ड जारी किए जाएंगे।
लाहौर, एएनआइ। करतारपुर कॉरिडोर से जुड़े प्रमुख मुद्दों पर भारत और पाकिस्तान के बीच सहमति बनती दिख रही है। दोनों पक्ष करतारपुर कॉरिडोर के रास्ते प्रतिदिन पांच हजार श्रद्धालुओं को गुरुद्वारा करतारपुर साहिब जाने देने पर सहमत हो गए हैं। इन श्रद्धालुओं को यात्रा के दौरान आने-जाने, दोपहर के खाने और चिकित्सा की सुविधा भी मुफ्त मुहैया कराई जाएगी। पाकिस्तान के इवैक्यू ट्रस्ट प्रॉपर्टी बोर्ड (ETPB) ने शनिवार को यह जानकारी दी।
बोर्ड के मुताबिक करतारपुर कॉरिडोर के मसले पर दोनों पक्षों के बीच लाहौर में हुई बैठक के दौरान इस संबंध में चर्चा हुई थी। यात्रा की शुरुआत में भारतीय नागरिकों को कॉरिडोर कार्ड जारी किए जाएंगे। जबकि, उन्हें प्रबंधन के पास अपना पासपोर्ट जमा कराना होगा, जो वापसी पर उन्हें मिल जाएगा।
यात्रियों को पिक एंड ड्राप की सुविधा
बोर्ड ने कहा, 'रोजाना, पांच हजार यात्री गुरुद्वारा जाएंगे। सुबह से शाम तक उन्हें यात्रा की इजाजत होगी।' बोर्ड ने आगे कहा, 'नोबल ग्लोबल कंपनी एक तय स्थान से यात्रियों को पिक एंड ड्राप की सुविधा प्रदान करेगी। सभी यात्रियों को नि:शुल्क भोजन कराया जाएगा, जिस पर 200 रुपये प्रति व्यक्ति के हिसाब से प्रतिदिन 10 लाख रुपये (पाकिस्तानी) का खर्चा आएगा।'
बता दें कि भारत-पाकिस्तान सीमा पर स्थित करतारपुर कॉरिडोर पंजाब राज्य के गुरदासपुर से महज चार किलोमीटर दूर है। यह रास्ता खुल जाने के बाद सिख श्रद्धालु आसानी से पाकिस्तान के करतारपुर स्थित गुरुद्वारा दरबार साहिब जा सकेंगे, जहां सिखों के आदि गुरु नानक देव ने 1539 में अंतिम सांस ली थी।
इसे भी पढ़ें: मारा गया दुनिया के सबसे खूंखार आतंकी का बेटा हमजा, ट्रंप ने की मौत की पुष्टि
इसे भी पढ़ें: अमेरिका से वार्ता विफल होने पर अब रूस की शरण में पहुंचा तालिबान, जानें- क्या है मकसद