पाकिस्तान में रक्षक बने भक्षक, चार पुलिसकर्मियों पर अपहरण, नागरिकों से रंगदारी वसूलने का मामला दर्ज
पाकिस्तान में इस्लामाबाद के चार पुलिसकर्मियों पर देश के तीन नागरिकों का अपहरण और रंगदारी का मामला दर्ज हुआ है। बता दें कि पुलिसकर्मियों ने इन नागरिकों से 10 लाख रुपये की मांग की थी। इस पूरी घटना की जानकारी स्थानीय मीडिया ने रविवार को दी।
इस्लामाबाद, एएनआइ। पाकिस्तान में जनता के रक्षक ही उनके भक्षक बन गए। जी हां, इस्लामाबाद के चार पुलिसकर्मियों पर देश के तीन नागरिकों का अपहरण और रंगदारी का मामला दर्ज हुआ है। बता दें कि पुलिसकर्मियों ने इन नागरिकों से 10 लाख रुपये की मांग की थी। इस पूरी घटना की जानकारी स्थानीय मीडिया ने रविवार को दी।
पीड़ितों ने दी सूचना
पाकिस्तानी अखबार डान की रिपोर्ट के अनुसार, अपहरण और रंगदारी करने वाले अधिकारियों में से एक को गिरफ्तार कर लिया गया है, जबकि अन्य छिपे हुए हैं। इसके अलावा, तीन अन्य पुलिसकर्मियों को एक मोटरसाइकिल चालक से रिश्वत लेने के आरोप में निलंबित कर दिया गया था। एक पुलिस प्रवक्ता द्वारा बताया गया कि इन दोनों घटनाओं की जानकारी पीड़ितों ने एक खुली अदालत में सीधे इस्लामाबाद के पुलिस महानिरीक्षक (आइजीपी) मोहम्मद अहसान यूनुस को दी है।
क्या है पूरा मामला
केपी के खैबर जिले के मूल निवासी इरफानुल्ला ने आइजीपी मोहम्मद अहसान यूनुस से शिकायत की कि वह अपने दोस्तों मोहम्मद फैयाज और मोहम्मद अली के साथ एक कार में मुर्री जा रहे था। जहां पर उसे राजधानी इस्लामाबाद की पुलिस की वर्दी पहने हुए, एक निजी आल्टो की सवारी कर रहे तीन लोगों ने उन्हें संगजानी में टोल प्लाजा पर रोका लिया। इरफानुल्ला
ने आगे बताया कि आल्टो के शीशे रंगे हुए थे और बिना पंजीकरण प्लेट के थे। उसने आगे कहा कि पुलिसकर्मियों ने उनके हाथ बांध कर उन्हें बंदी बना लिया और उन्हें अपनी कार में कसकर बांधने के बाद उनकी आंखों पर पट्टी लगा दी।
उसने अपने साथ घटी घटना का ब्यौरा देते हुए बताया कि बंदी बनाने के बाद पुलिसकर्मियों ने उन्हें, एक फ्लैट में ले गए और उनके खिलाफ एक फर्जी मामला दर्ज करने सहित गंभीर परिणाम भुगतने की धमकी दी। बाद में, पुलिसकर्मियों ने रिहाई के लिए 10 लाख रुपये की मांग की।
पीड़ितों ने आजादी के लिए दिए 10 लाख रुपये
डान की रिपोर्ट के मुताबिक, शिकायतकर्ता ने कहा कि वह बहुत डर गया था और उसने अपने परिवार को फोन किया और उनसे राशि की व्यवस्था करने और राजधानी लाने को कहा। बाद में पुलिसकर्मियों को पीड़ितों के परिजनों द्वारा 10 लाख रुपए दिए गए।
इस पूरी घटना की जांच में यह बात सामने आई है कि इसमें चार पुलिसकर्मी शामिल हैं।
डान अखबार ने बताया
जालसाज पुलिसकर्मियों के खिलाफ पाकिस्तान दंड संहिता (पीपीसी ) की धारा 342 (गलत तरीके से कारावास की सजा) और 382 (चोरी करने के क्रम में मौत, चोट या संयम पैदा करने की तैयारी के बाद चोरी) के तहत तरनोल पुलिस स्टेशन में मामला दर्ज किया गया है।