इमरान ने कहा कि अब आईएसआई आतंकियों को पकड़ने की तकनीक से पकड़ रही कोरोना संदिग्ध
पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने कहा कि आईएसआई अब देश में कोरोना संदिग्धों को पकड़ने के लिए उस तकनीक का इस्तेमाल कर रही है जिसका इस्तेमाल करते हुए आतंकियों को पकड़ा जाता है।
इस्लामाबाद। वैसे तो पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान पूरी दुनिया के सामने बोलते रहे हैं कि उनके यहां न तो आतंकी है ना ही किसी तरह के आंतकी कैंप संचालित किए जा रहे हैं। भारत तमाम बार इसके सबूत भी दे चुका है कि पाकिस्तान में तमाम जगहों पर आतंकी कैंप संचालित किए जा रहे हैं, उनको ट्रेनिंग देकर आतंकियों को सीमा के रास्ते भारत में प्रवेश कराकर आतंक फैलाने का काम किया जा रहा है। मगर फिर भी पाकिस्तान ने कभी भी इस बात को स्वीकार नहीं किया है।
अब पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने एक चौंकाने वाला बयान दिया है। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान में कोरोना पर रोक लगाने और ऐसे संदिग्धों की तलाश में आतंकियों को पकड़ने वाली तकनीक का इस्तेमाल कर रही है। स्थानीय मीडिया रिपोर्ट और डॉन वेबसाइट के मुताबिक पाकिस्तान में कोरोना महामारी से निपटने के लिए फंड जुटाने की मुहिम अहसास टेलीथॉन में टीवी पर देशवासियों को संबोधित करते हुए इमरान ने कहा कि उनकी सरकार खुफिया एजेंसी इंटर सर्विसेज इंटेलिजेंस (आईएसआई) का सहारा लेकर कोरोना संदिग्धों को पकड़ रही है। उन्होंने कहा कि आईएसआई कुछ खास तरीकों से आतंकियों को पकड़ने के लिए करती है, उसी का इस्तेमाल इनको पकड़ने में किया जाएगा जिससे इनके बचने की संभावना न रहें और कोरोना के प्रसार को रोका जा सके।
दरअसल इमरान खान बीते कुछ दिनों से कोरोना से लड़ने के लिए फंड जुटाने की कोशिश में लगे हुए हैं। इसके लिए वो सार्वजनिक मंच पर ये भी बोल चुके हैं कि उनको पैसे मांगने का बीते 30 साल से अनुभव है। वो पहले से ही पैसे मांगते रहते हैं। इसके लिए उन्होंने दूसरे देशों में बसे या वहां पर कारोबार कर रहे पाकिस्तानियों से भी इसमें योगदान देने की अपील की थी, फंड के लिए उन्होंने पाकिस्तान के कारोबारियों, क्रिकेट व अन्य खेलों के खिलाड़ियों, अभिनताओं, अभिनेत्रियों, गायक-गायिकाओं ने इसमें योगदान देने के लिए कहा है।
दुनिया के कई देशों ने जब कोरोना महामारी से बचने के लिए अपने यहां लॉकडाउन किया था उस समय इमरान ने अपने यहां के खराब आर्थिक हालात का हवाला देकर लॉकडाउन न करने की बात कही थी मगर जब सेना का दबाव पड़ा तो लॉकडाउन किया गया। उन्होंने एक बार फिर 'संपूर्ण लॉकडाउन' से असहमति जताते हुए कहा कि कोई भी फैसला लेने से पहले हमें करोड़ों गरीबों के बारे में भी सोचना चाहिए जो रोज कमाकर जीवन यापन करते हैं। अब फिलहाल इसे 9 मई तक के लिए बढ़ा दिया गया है।
इमरान ने लॉकडाउन के दौरान रोजमर्रा के काम करके जीवन यापन करने वालों की मदद के लिए फंड में योगदान करने की मांग की थी, उन्होंने दुनिया के कुछ बड़े देशों से आर्थिक हालात से निपटने में मदद की गुहार लगाई थी। अभी वो इस फंड के लिए लोगों से गुहार लगा रहे हैं, देश के तमाम प्रख्यात लोगों से इसमें योगदान के लिए कह रहे हैं जिससे फंड में पैसे आ सकें।
कुछ दिन पहले इमरान ने एक सार्वजनिक बयान जारी करते हुए ये भी बताया था कि किस देश ने कोरोना महामारी के दौरान अपने यहां के लिए इस फंड में कितने पैसे जमा कर दिए हैं। उन देशों का हवाला देते हुए उन्होंने कहा था कि यदि बाकी देशों से इस फंड में जमा रकम की तुलना की जाए तो पाकिस्तान कहीं नहीं ठहरता है, अब वो इस फंड में और पैसे जमा करने के लिए लोगों से कह रहे हैं। इमरान ने कहा कि देश के सामने बहुत कठिन आर्थिक हालात आने वाले हैं। इससे सभी को एकजुट होकर लड़ना होगा।