इमरान बोले COVID-19 के डर से शहरों को किया बंद तो हालात होंगे और भी अधिक खराब
पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने कहा कि वो कोरोना वायरस को रोकने के लिए दूसरे देशों की तरह मार्केट मॉल्स आदि को बंद नहीं कर सकते। इससे हालात बदतर होंगे।
इस्लामाबाद। पाकिस्तान में कोरोना वायरस के मरीजों की संख्या में लगातार इजाफा हो रहा है। यहां सिंध प्रांत में कोरोना से प्रभावित सबसे अधिक मरीज पाए जा रहे हैं, इनकी संख्या में दिनोंदिन बढ़ोतरी हो रही है उसके बाद भी प्रधानमंत्री इमरान खान का कहना है कि वो पश्चिमी देशों की तरह से अपने यहां व्यापक पैमाने पर शहरों को बंद नहीं कर सकते हैं। इससे पहले उन्होंने कहा कि शहरों को बंद करने पर विचार किया गया था लेकिन अधिकारियों ने आंशका जताई कि इससे देश की हालत और अधिक खराब हो जाएगी। उनका कहना है कि यदि हमने शहरों को बंद कर दिया तो लोग कोरोना वायरस के संक्रमण से तो शायद बच जाएंगे मगर उसके बाद भूखमरी से लोग मरने लगेंगे। पाकिस्तान की प्रमुख साइट डॉन के अनुसार इमरान ने शहरों को पूरी तरह से बंद करने का प्लान त्याग दिया है। क्योंकि तब हालात और भी बदतर हो जाएंगे।
फिलहाल पाकिस्तान में अब तक कोरोना के कुल 304 केस सामने आ चुके हैं। इसमें सिंध में 211, इस्लामाबाद में 2, ब्लूचिस्तान में 23, पंजाब में 33 और खैबर पख्तूनखा में 19 मामले सामने आ चुके हैं। दो लोगों की मौत भी इस संक्रमण से हो चुकी है। पाक में अर्थव्यवस्था के हालात पहले से ही खराब चल रहे हैं ऐसे में यदि बाजारों को बंद किया गया और लोगों को घरों पर रहने के लिए मजबूर किया गया तो उसके नतीजे और भी घातक होंगे।
इमरान खान ने कहा है कि उनका देश कोरोना वायरस को फैलने से रोकने के लिए पश्चिमी देशों की तरह व्यापक पैमाने पर शहरों को बंद नहीं कर सकता। अमेरिका और कई अन्य देशों ने इस संक्रामक बीमारी को फैलने से रोकने के लिए रेस्तरां और अन्य व्यावसायिक प्रतिष्ठानों को बंद कर दिया था। पाकिस्तान में कराची जैसे कई बड़ी आबादी वाले शहर हैं।
कुछ दिन पहले इमरान ने राष्ट्र के नाम संदेश भी दिया था। टेलीविजन पर दिए गए अपने संदेश में भी उन्होंने कहा था कि हमारे देश के हालात अमेरिका या यूरोप के जैसे नहीं हैं, हमारे देश की एक बड़ी आबादी मुफलिसी में जी रही है। उन्होंने कहा कि अगर हमने शहरों को बंद कर दिया तो हम पहले से ही मुश्किल हालात में रह रहे अपने नागरिकों को कोरोना वायरस से तो बचा लेंगे लेकिन वे भुखमरी से मारे जाएंगे। हालांकि पाकिस्तान ने क्रिकेट स्टेडियमों, स्कूलों, कॉलेजों और विश्वविद्यालयों को बंद कर दिया है। मगर बाजारों को बंद करने का कदम नहीं उठा रहे हैं। न ही देश को लोगों को अपने घर पर रहने के लिए कह रहे हैं जिससे इस वायरस के संक्रमण को फैलने से रोका जा सके।