बौखलाए इमरान ने विपक्षी नेताओं को फंसाने का दांव चला, फजलुर रहमान की संपत्तियों की शुरू कराई जांच
विपक्ष के हमले से घबराए इमरान खान नित नई चाले चल रहे हैं। विपक्ष पर दबाव बनाने के लिए अब उन्होंने पीडीएम के प्रमुख मौलाना फजलुर रहमान के खिलाफ उनकी आय और चल-अचल संपत्ति की जांच शुरू कर दी है। पढ़ें यह रिपोर्ट...
इस्लामाबाद, एजेंसियां। पाकिस्तान सरकार ने विपक्षी गठबंधन पीडीएम के प्रमुख मौलाना फजलुर रहमान के खिलाफ उनकी आय और चल-अचल संपत्ति की जांच शुरू कर दी है। माना जा रहा है कि कुछ अन्य नेताओं को भी सरकारी जांच में घेरा जाएगा। इधर पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने सफाई दी है कि वह सेना की कठपुतली नहीं हैं, सेना उनके अधीन है। 11 विपक्षी दलों के गठबंधन पाकिस्तान डेमोक्रेटिक मूवमेंट (पीडीएम) की लगातार छह रैलियों में जबर्दस्त भीड़ जुटने से इमरान सरकार बौखला गई है।
एनएबी ने शुरू की जांच
पीडीएम प्रमुख फजलुर रहमान के खिलाफ राष्ट्रीय जवाबदेही ब्यूरो (एनएबी) ने जांच शुरू कर दी है। एनएबी ने रहमान से 28 दिंसबर तक उनकी आय, चल-अचल संपत्ति, पैतृक संपत्ति के बारे में पूरी जानकारी दिए जाने का नोटिस भेजा है। उनसे बैंक अकाउंट, आय के स्त्रोत और बेची गई संपत्तियों का ब्योरा भी मांगा है। एनएबी फजलुर रहमान की 64 कनाल सरकारी जमीन की भी जांच कर रही है। यह जमीन पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ के कार्यकाल में दी गई थी। रहमान पर आरोप है कि उन्होंने महंगी जमीन को सस्ती दर पर ले लिया था।
ईयू की रिपोर्ट बताकर झूठ फैला रहा है पाकिस्तान
समाचार एजेंसी एएनआइ की रिपोर्ट के मुताबिक, यूनाइटेड कश्मीर पीपुल्स नेशनल पार्टी (यूकेपीएनपी) के नेता नासिर अजीज खान ने आरोप लगाया है कि पाकिस्तान की सरकार यूरोपियन यूनियन (ईयू) से मिलते-जुलते नाम के एक एनजीओ की रिपोर्ट से देश में झूठ फैला रही है। अजीज ने बताया कि ईयू डिसइंफो लैब नाम से एक एनजीओ संगठन है। इसकी एक रिपोर्ट में भारत के बारे में अनर्गल प्रचार है। इस रिपोर्ट को पाकिस्तान सरकार यूरोपियन यूनियन की रिपोर्ट बताकर प्रोपैगैंडा कर रही है और वास्तविक मुद्दों से जनता का ध्यान बंटा रही है।
नवाज पर भी शिकंजा कसने की तैयारी
इतना ही नहीं इमरान सरकार ने नवाज शरीफ के प्रत्यर्पण के लिए भी ब्रिटेन के साथ कानूनी प्रक्रिया शुरू कर दी है। पाकिस्तान के सूचना मंत्री शिबली फराज ने कहा कि इस प्रक्रिया के शुरू होने के बाद ब्रिटेन द्वारा नवाज को लाने का रास्ता साफ होगा। मालूम हो कि पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ इन दिनों लंदन में निर्वासन में रहने को मजबूर हैं। इसी महीने पाकिस्तान के एक कोर्ट ने उन्हें भ्रष्टाचार के आरोपों का सामना करने के लिए स्वदेश लौटने में विफल रहने पर कानूनी तौर पर भगोड़ा घोषित कर दिया था।