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क्‍या इमरान खान अपने वादे पर उतरेंगे खरे, अल्‍पसंख्‍यकों को दे पाएंगे बराबरी का दर्जा...?

पाकिस्तान के संस्थापक मोहम्मद अली जिन्ना की जयंती के मौके पर मंगलवार को खान ने कहा कि जिन्ना ने पाकिस्तान के लोकतांत्रिक, न्यायपूर्ण और सद्भावनापूर्ण राष्ट्र बनने का सपना देखा था।

By Tilak RajEdited By: Published: Wed, 26 Dec 2018 09:33 AM (IST)Updated: Wed, 26 Dec 2018 09:33 AM (IST)
क्‍या इमरान खान अपने वादे पर उतरेंगे खरे, अल्‍पसंख्‍यकों को दे पाएंगे बराबरी का दर्जा...?
क्‍या इमरान खान अपने वादे पर उतरेंगे खरे, अल्‍पसंख्‍यकों को दे पाएंगे बराबरी का दर्जा...?

इस्लामाबाद, पीटीआइ। पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने एक सप्ताह के भीतर दूसरी बार अपने देश और भारत में अल्पसंख्यकों के हालात की तुलना करते हुए कहा कि भारत में जो हो रहा है उसकी तुलना में ‘नये पाकिस्तान’ में अल्पसंख्यकों को बराबरी का दर्जा मिलेगा। पाकिस्तान के संस्थापक मोहम्मद अली जिन्ना की जयंती के मौके पर मंगलवार को खान ने कहा कि जिन्ना ने पाकिस्तान के 'लोकतांत्रिक, न्यायपूर्ण और सद्भावनापूर्ण' राष्ट्र बनने का सपना देखा था।

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इमरान खान ने ट्वीट किया, 'नया पाकिस्तान कायद-ए-आजम (जिन्ना) का पाकिस्तान होगा और सुनिश्चित करेगा कि हमारे अल्पसंख्यकों के साथ बराबरी का व्यवहार हो और भारत जैसा कुछ ना हो।' उन्होंने कहा कि जिन्ना चाहते थे कि अल्संख्यक भी बराबरी का दर्जा पाएं। यह याद रखा जाना चाहिए कि उनका शुरुआती राजनीतिक जीवन हिन्दू-मुसलमान एकता के लिए था।

पाकिस्‍तान के प्रधानमंत्री ने कहा कि पृथक मुसलमान राष्ट्र के लिए संघर्ष उस वक्त शुरू हुआ, जब उन्हें एहसास हुआ कि हिन्दू बहुलता वाले देश में मुसलमानों के साथ बराबरी का व्यवहार नहीं होगा।

यह हकीकत है कि वहां की पूरी सियासत भारत के ही इर्द-गिर्द घूमती है। भारत से नफरत भले बयानों पर पाकिस्‍तान में कोई भी सरकार सत्‍ता में आती है और यदि वह इसमें कमी कर दे और गलती से भी दोस्‍ती की तरफ आगे बढ़े तो उसको बेदखल होने में ज्‍यादा वक्‍त नहीं लगता है। इमरान इस सच से वाकिफ हैं। इसलिए वह भारत से जुड़े मुद्दों पर लगातार बयानबाजी कर रहे हैं।

कुछ दिन पहले ही बॉलीवुड अभिनेता नसीरुद्दीन शाह ने बुलंदशहर में फैली हिंसा और आगजनी की घटना को लेकर अफसोस जताया था। इस घटना का फायदा पाकिस्‍तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने अपने हक में उठाना चाहा। उन्‍होंने इस पूरी घटना पर बयान दिया कि वह भारत को बताएंगे कि अल्‍पसंख्‍यकों के साथ कैसा व्‍यवहार करना चाहिए। हालांकि भारत की ओर से उन्‍हें करारा जवाब दिया गया।

ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआइएमआइएम) के अध्यक्ष और हैदराबाद से सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने भारत में अल्संख्यकों की स्थिति पर पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान के बयान पर कड़ी प्रतिक्रिया दी। ओवैसी ने ट्वीट कर कहा, ‘पाकिस्तान के संविधान के मुताबिक तो सिर्फ मुस्लिम ही वहां का राष्ट्रपति बन सकता है, जबकि भारत ने वंचित तबके से आने वाले कई राष्ट्रपतियों को देखा है।’ ओवैसी ने कहा है कि इमरान खान को समावेशी राजनीति और अल्पसंख्यकों के अधिकारों के बारे में भारत से सीखना चाहिए।


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