Pakistan Azadi March: इमरान खान ने इस्तीफे के अलावा विपक्ष की सभी मांगे मानी
Pakistan Azadi March मौलाना फजलुर रहमान के नेतृत्व में विपक्षी दलों के आजादी मार्च से पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान दबाव में आ गए हैं।
इस्लामाबाद, पीटीआइ। उलमा-ए-इस्लाम प्रमुख मौलाना फजलुर रहमान के नेतृत्व में विपक्षी दलों के आजादी मार्च से पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान दबाव में आ गए हैं। वह अपने इस्तीफे को छोड़ उनकी सभी मांगें मानने को तैयार हो गए हैं। इमरान ने मंगलवार को कहा कि वह इस्तीफा नहीं देंगे, लेकिन सभी जायज मांगें मानने के लिए राजी हैं।
एक्सप्रेस ट्रिब्यून अखबार के अनुसार, प्रधानमंत्री इमरान ने विपक्षी पार्टियों के साथ बातचीत के लिए रेल मंत्री परवेज खट्टक की अध्यक्षता में एक समिति बनाई है। उन्होंने इस समिति के साथ बैठक में विपक्ष की मांगों पर अपनी सहमति दी।
रेल मंत्री की अगुआई वाली समिति सोमवार रात गतिरोध दूर करने के लिए मौलाना फजलुर से मिलने गई थी। इससे पहले फजलुर ने अपने समर्थकों से कहा, प्रधानमंत्री इमरान खान के इस्तीफे तक विरोध प्रदर्शन जारी रहेगा। हम आगे बढ़ते रहेंगे और कभी पीछे नहीं हटेंगे। 66 वर्षीय फजलुर पीएम इमरान के इस्तीफे की मांग को लेकर कराची से आजादी मार्च लेकर राजधानी इस्लामाबाद पहुंचे हैं और गत शुक्रवार से अपने हजारों समर्थकों के साथ धरने पर बैठे हैं। उनके इस आंदोलन को पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज (पीएमएल-एन) और पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (पीपीपी) समेत सभी प्रमुख विपक्ष दलों ने अपना समर्थन दे रखा है।
इन अहम मांगों पर हुई चर्चा
रक्षा मंत्री परवेज खट्टक के नेतृत्व वाली समिति और फजलुर की टीम के बीच मांगों पर बातचीत हुई। फजलुर की टीम ने इमरान के इस्तीफे और मुल्क में नए सिरे से चुनाव कराने की मांग रखी। सेना की निगरानी के बगैर चुनाव कराने की भी मांग की गई।
रिपोर्टों के मुताबिक, इमरान खान की सरकार किसी भी कीमत पर इस विरोध प्रदर्शन को खत्म कराना चाहती है। इसके लिए वह आड़े हाथ सख्त रवैया भी अख्तियार कर रही है। कल सोमवार को मौलाना फजलुर के खिलाफ कार्रवाई की मांग के साथ लाहौर हाई कोर्ट में एक अर्जी दाखिल की गई। इसमें सरकार के खिलाफ भड़काऊ और नफरत फैलाने वाला भाषण देने की शिकायत की गई है। उधर, 66 वर्षीय मौलाना झुकने को तैयार नहीं हैं। उन्होंने कहा है कि प्रधानमंत्री इमरान के इस्तीफे तक विरोध प्रदर्शन जारी रहेगा। हम आगे बढ़ते रहेंगे और कभी पीछे नहीं हटेंगे।
बता दें कि बीते शुक्रवार को आजादी मार्च के इस्लामाबाद पहुंचने पर मौलाना ने इमरान को इस्तीफा देने के लिए दो दिन का अल्टीमेटम दिया था जिसकी अवधि समाप्त हो गई है। उन्होंने कहा था कि शांतिपूर्ण तरीके से प्रदर्शन कर रहे लोगों के धैर्य की परीक्षा लिए बिना ‘पाकिस्तान के गोर्बाचेव’ यानी इमरान खान को इस्तीफा देना ही होगा। वहीं जारी विरोध प्रदर्शनों के बीच पीपीपी प्रमुख बिलावल भुट्टो जरदारी ने किसी भी कीमत पर सरकार को उखाड़ फेंकने की कसम खाई है। उन्होंने सरकार के बजट की आलोचना करते हुए कहा कि इस सरकार ने लोगों का जीवन जहन्नुम बना दिया है।