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COVID-19: पाकिस्तान में लॉकडाउन ने ली पशुओं की जान, बंद पिंजड़े में तोड़ा दम

कोरोना वायरस के कारण पाकिस्‍तान समेत दुनिया के अधिकांश देशों में फिलहाल लॉकडाउन है। लेकिन इसके कारण पशुओं पर संकट आ गया है।

By Monika MinalEdited By: Published: Tue, 07 Apr 2020 05:07 PM (IST)Updated: Tue, 07 Apr 2020 05:07 PM (IST)
COVID-19: पाकिस्तान में लॉकडाउन ने ली पशुओं की जान, बंद पिंजड़े में तोड़ा दम
COVID-19: पाकिस्तान में लॉकडाउन ने ली पशुओं की जान, बंद पिंजड़े में तोड़ा दम

कराची, एएफपी। पाकिस्तान के प्रमुख शहरों में सैकड़ों पशु लॉकडाउन की भेंट चढ़ गए। पालतू पशुओं के बाजार में बड़ी संख्या में पिंजड़ों में बंदकर रखे गए कुत्ते, बिल्ली और खरगोश मृत पाए गए हैं। हालांकि कुछ पशु प्रेमी कार्यकर्ताओं की सक्रियता के कारण सैकड़ों पशुओं को बचा लिया गया।

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भूख से मर रहे हैं पशु

कराची में एनजीओ एसीएफ एनिमल रेस्क्यू की संस्थापक आयशा ने कहा, 'दो हफ्ते से शहर बंद है। दुकानों में पिंजड़ों में बंद पालतू जानवर भूख से मर रहे हैं। वहां ना तो रोशनी है और ना ही रोशनदान। जब हम दुकानों में घुसे तो करीब 70 फीसद जानवर मृत मिले। यह इतना भयावह था कि मैं बता नहीं सकती।'

पालतू पशु बाजार में मृत मिले जानवर

लाहौर शहर में भी बड़ी संख्या में पशुओं के मरने की खबर है। इस शहर के पालतू पशु बाजार के समीप के एक सीवर में करीब 20 कुत्ते मृत पाए गए। शहर की पशु प्रेमी किरण महीन ने कहा, 'पुलिस की मदद से जब दुकानों को खुलवाया गया तो बहुत से पशु मृत मिले।' कोरोना महामारी के चलते पाकिस्तान के प्रमुख शहरों में लॉकडाउन है। इसकी वजह से जरूरी सामान की दुकानों को छोड़कर बाकी सब कुछ बंद है।

24 घंटे में 500 से ज्यादा नए मामले

पाकिस्तान के स्वास्थ्य मंत्रालय ने मंगलवार को बताया कि मुल्क में बीते 24 घंटे में 500 से ज्यादा नए मामले सामने आने से कोरोना संक्रमित लोगों का आंकड़ा 3,884 हो गया है। 54 पीडि़तों की मौत हो चुकी है। पाकिस्तान में सबसे ज्यादा 1,918 मामले पंजाब प्रांत में सामने आए हैं।

 इससे पहले सोमवार को पाकिस्तान के बलोचिस्तान प्रांत में सरकारी अस्पतालों में कोरोना वायरस के मरीजों का इलाज करने वाले डॉक्टरों ने रक्षात्मक उपकरणों की अनुपलब्धता के खिलाफ प्रदर्शन किया, जिसके बाद उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया। बता दें कि कोरोना वायरस के मरीजों को इलाज कर रहे 13 डॉक्टरों के संक्रमित पाए जाने के बाद युवा डॉक्टरों और पैरामेडिकल कर्मियों ने प्रांतीय राजधानी क्वेटा में प्रदर्शन का आह्वान किया था


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