पाकिस्तान में कोरोना प्रतिबंधों का पालन करते हुए हिंदू समुदाय ने धूमधाम से मनाई दीवाली
पड़ोसी देश पाकिस्तान में भी हिंदु समुदाय के लोगों ने कोरोना प्रतिबंधों को ध्यान में रखते हुए दीवाली मनाई गई। कराची में दीवाली के पर्व मनाते हुए लोगों ने कोरोना संक्रमण को ध्यान में रहते सभी प्रतिबंधों का भी पालन किया गया।
कराची, एएनआइ। देश-दुनिया में दीवाली का पर्व बेहद ही धूमधाम से मनाया गया। कोरोना के चलते लगाए गए प्रतिबंधों को ध्यान में रखते हुए एहतियात भी बरती गई। इस क्रम में पड़ोसी देश पाकिस्तान में भी कोरोना एसओपीएस (SOPs) का पालन करते हुए हिंदू समुदाय के लोगों ने दिवाली मनाई। कराची में दीवाली के पर्व मनाते हुए लोगों ने कोरोना संक्रमण को ध्यान में रहते सभी प्रतिबंधों का ध्यान रखा।
त्योहार रंगों के साथ मनाने चाहिए
पाकिस्तान में रहने वाले हिंदुओं में से पूजा नाम कि महिला ने कहा, 'इस दिवाली पर सभी लोगों ने दीपों की रोशनी से त्योहार मनाया। आप देख सकते हैं कि आज बच्चे, युवा, वृद्ध सभी लोग आज दीवाली मना रहे हैं'। आगे उन्होंने कहा कि हम आज दीवाली मनाने के लिए यहां पर आए हैं और हम पेंट और कला के काम का आनंद ले रहे हैं। साथ ही उन्होंने कहा कि किसी भी त्योहार में खून से खेलने के बजाय, रंगों के साथ अपने त्योहारों को मनाना बेहतर है। इस अवसर पर कराची के स्वामी नारायण मंदिर को भी सजाया गया।
विश्व के ये नेता दे चुके हैं दीवाली की शुभकामनाएं
बता दें कि विश्व के कई नेताओं ने दीवाली की शुभकामनाएं दी हैं। इसमें अमेरिका के निर्वाचित राष्ट्रपति जो बाइडन, निवार्चित उपराष्ट्रपति कमला हैरिस, वर्तमान अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप, विदेश मंत्री माइक पोंपियो और ब्रिटिश पीएम बोरिस जानसन भी शामिल हैं। डोनाल्ड ट्रंप ने अमेरिका में भारतीयों के साथ दीवाली मनाई। ट्रंप इससे पहले भी भारतीयों के साथ जश्न मना चुके हैं। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने व्हाइट हाउस में दीपक जलाते हुए टि्वटर पर फोटो शेयर की है। अमेरिकी विदेश मंत्री माइक पोम्पिओ और विदेश विभाग ने भी दीवाली के अवसर पर शुभकामनाएं दीं।
ट्रंप ने कहा, कहा कि दोस्त, पड़ोसी और प्रियजन रोशनी के इस त्यौहार के दौरान बुराई पर अच्छाई की आध्यात्मिक विजय, अंधकार पर प्रकाश, और अज्ञान पर ज्ञान की याद में शामिल होते हैं। जैसे कि घरों, कार्यस्थलों, समुदायों और पूजा स्थलों पर दीया जलाया जाता है, उनकी गर्माहट हमें उस आशा और भक्ति की याद दिलाती है जो विश्वास और परंपरा हमारे जीवन में लाती है।