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पाकिस्तान में फिर एक मंदिर पर हमला, देवी-देवताओं की मूर्तियां खंडित की, पड़ोसी मुस्लिमों ने उपद्रवियों को रोका

पाकिस्तान में मंगलवार को कट्टरपंथी शरारती तत्वों के भीड़ ने फिर एक मंदिर में तोड़फोड़ कर उसे नुकसान पहुंचाया। अच्छी बात यह रही कि आसपास रहने वाले मुस्लिम समुदाय के लोग ही शरारती तत्वों से निपटने के लिए आगे आए और उन्हें रोका। पढ़ें यह रिपोर्ट...

By Krishna Bihari SinghEdited By: Published: Wed, 04 Nov 2020 07:46 PM (IST)Updated: Wed, 04 Nov 2020 07:48 PM (IST)
पाकिस्तान में फिर एक मंदिर पर हमला, देवी-देवताओं की मूर्तियां खंडित की, पड़ोसी मुस्लिमों ने उपद्रवियों को रोका
पाकिस्तान में कट्टरपंथी तत्वों ने फिर एक मंदिर में तोड़फोड़ कर उसे नुकसान पहुंचाया है।

कराची, आइएएनएस। पाकिस्तान में मंगलवार को कट्टरपंथी शरारती तत्वों के भीड़ ने फिर एक मंदिर में तोड़फोड़ कर उसे नुकसान पहुंचाया है। लेकिन अच्छी बात यह रही कि इस घटना में मंदिर के आसपास रहने वाले मुस्लिम समुदाय के लोग ही शरारती तत्वों से निपटने के लिए आगे आए और उन्हें रोका। घटना कराची के बाहरी इलाके की है। इससे पहले भी कराची में एक मंदिर पर हमला कर उसे नुकसान पहुंचाया गया था।

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समाचार एजेंसी आइएएनएस के मुताबिक, ताजा घटना पुरानी कराची के शीतलदास कंपाउंड की है। यहां पर करीब सौ साल पुराने मंदिर में आसपास रहने वाले 300 हिंदू परिवार जाते हैं। इन्हीं हिंदू परिवारों में से एक प्रत्यक्षदर्शी के अनुसार मंगलवार रात करीब नौ बजे कंपाउंड के द्वार पर मुस्लिम समुदाय के लोग एकत्रित होने लगे। उनमें बहुत से लोग वहां रहने वाले हिंदुओं पर हमले की बात कह रहे थे लेकिन शरारती तत्वों का यह समूह पहले कंपाउंड में बने मंदिर पर पहुंचा और वहां तोड़फोड़ करने लगा।

इस दौरान शरारती तत्वों ने तीन देवी-देवताओं की मूर्तियों को खंडित कर दिया। लेकिन इस बीच शोरशराबे की आवाज सुन नजदीक रहने वाले मुस्लिम लोग भी मौके पर पहुंच गए और उन्होंने उत्पातियों को रोका और उन्हें वापस भेजा। एक अन्य हिंदू प्रत्यक्षदर्शी के अनुसार कंपाउंड में रहने वाले मुस्लिमों के सक्रिय हो जाने से शरारती तत्वों को हिंदू परिवारों पर हमले करने के मंसूबे पूरे नहीं हो पाए।

हिंदू परिवारों को बचाने के लिए कंपाउंड में रहने वाले मुस्लिम दीवार बनकर हमलावर भीड़ के सामने खड़े हो गए। उम्रदराज शख्स ने कहा, उन्होंने अपनी पूरी जिंदगी में ऐसा माहौल नहीं देखा। बाद में मौके पर पहुंचे पुलिस अधिकारियों ने पूरे घटनाक्रम की पुष्टि की। कहा कि अगर इलाके के मुस्लिम बचाव में खड़े नहीं होते तो मुश्किल हो सकती थी। घटना के बाद कंपाउंड में रहने वाले 60 परिवार अपने घर छोड़कर शहर के अन्य इलाकों में चले गए हैं। कुछ घरों में मर्दो ने अपने घर की औरतों और बच्चों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचा दिया है।


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