पाकिस्तान में तीन साल से लटके हिंदू मैरिज एक्ट की अब फाइल ही हो गई गायब
हिंदू मैरिज एक्ट के तहत नाबालिग लड़कियों की शादी में दस्तावेज को अनिवार्य करने का प्रस्ताव राज्य में तीन साल पहले भेजा गया था। चूंकि मामला हिंदुओं का था इसलिए इसे पहले लटकाया जाता रहा। बाद में इसको लागू करने के लिए प्रक्रिया शुरू की गई।
पेशावर, प्रेट्र। पाकिस्तान में अल्पसंख्यक हिंदुओं की नाबालिग लड़कियों के संबंध में हिंदू मैरिज एक्ट का प्रस्ताव ही खो गया। यह प्रस्ताव तीन साल पहले तैयार किया गया था और जब इसको लागू करने की बात आई तो पूरी फाइल ही गायब है। एक्ट को लागू करने की जिम्मेदारी प्रांतीय सरकारों को सौंपी गई है। सरकारी सूत्रों के अनुसार यह मामला खैबर पख्तूनख्वा राज्य का है।
हिंदुओं के लिए पहला पर्सलन लॉ
हिंदू मैरिज एक्ट के तहत नाबालिग लड़कियों की शादी में दस्तावेज को अनिवार्य करने का प्रस्ताव राज्य में तीन साल पहले भेजा गया था। चूंकि मामला हिंदुओं का था, इसलिए इसे पहले लटकाया जाता रहा। बाद में इसको लागू करने के लिए प्रक्रिया शुरू की गई और निदेशालय को रिमाइंडर दिया गया, तब मालूम हुआ कि फाइल ही गायब है।
नाबालिग से जबरन शादी रोकने को दस्तावेज की अनिवार्यता का है प्रावधान
ज्ञात हो कि पाकिस्तान में नाबालिग हिंदू लड़कियों को जबरन उठाकर ले जाने और उनके साथ शादी करने की घटनाओं में अंतरराष्ट्रीय स्तर से दबाव पड़ने पर 2017 में पाकिस्तान की सरकार ने हिंदू मैरिज एक्ट बनाया था। इस बिल के द्वारा विवाह के समय दस्तावेजी सबूत अनिवार्य किए गए थे। यह पाकिस्तान में हिंदुओं के लिए पहला पर्सलन लॉ है। इसे पंजाब, बलूचिस्तान और खैबर पख्तूनख्वा राज्य में लागू होना है। सिंध प्रांत ने पहले से ही हिंदू पर्सलन लॉ लागू कर रखा है। संघीय सराकर ने प्रस्ताव पारित कर प्रांतीय सरकारों को ही इस एक्ट को लागू करने की जिम्मेदारी सौंपी है।
ज्ञात हो कि सितंबर में यूएनएचआरसी में भारत ने पाकिस्तान को अल्पसंख्यकों के उत्पीड़न को लेकर घेरा था। उस दौरान भारत ने कहा था कि पाकिस्तान अल्पसंख्यकों की हत्या का मैदान बन गया है। पाकिस्तान में जो भी व्यक्ति सरकार या वहां की सेना के खिलाफ आवाज उठाता है, उसे उसे सरकारी मशीनरी द्वारा गायब कर दिया जाता है। पाकिस्तान में मतभेद और आलोचना के स्वर बंदूक के बल पर दबा दिए जाते हैं।